Mughal Haram: औरतें के साथ मुगल राज में दरबारियों के हरम में होते थे खूबसूरत लड़के, जमकर करते थे…
नई दिल्ली :- प्राचीन काल में हिंदुस्तान पर बाहरी ताकतों का काफी दबाव रहा है. मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक सभी ने हिंदुस्तान को गुलाम बनाया और उसकी समृद्धि और संपत्ति को छीन लिया. मुगलों ने हिंदुस्तान पर काफी लंबे वक्त तक अपना शासन किया. हिंदुस्तान में मुगल साम्राज्य की नींव बाबर ने रखी थी जिसके बाद मुगल साम्राज्य के अनेक राजा महाराजाओं ने यहां पर राज किया.
दरबारियों के हरम भी होते थे आलीशान
मुगल साम्राज्य के बादशाह बेहद शौकीन होते थे. वे अपने शौक पूरे करने के लिए तमाम खर्चे करते थे. लेकिन न केवल बादशाह बल्कि दरबारी भी किसी मामले में कम नहीं थे. शहंशाह तो शाही हरम में आराम करते ही थे, परन्तु उनके अमीर का हरम भी आलीशान होता था. जब कभी इन्हें बाहर जाना होता ये लोग अपने साथ दासियों, रखैलों के साथ अस्थायी हरम भी ले जाते थे. यह सब बातें तो अमीरजादो की है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
कामशक्ति बढ़ाने के लिए खाते थे जड़ी बूटी
मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल में उसका एक वजीर था, जो एक कुख्यात लुटेरा था और जिसका नाम असद खान था. उस लुटेरे की मात्र एक ही इच्छा थी कि उसका हरम सबसे बड़ा हो, जिसमें दासियों से लेकर शानदार गाने वाली औरतें हों. इसके लिए वह मोटा पैसा भी खर्च करता था. इटली से मुगलकाल में भारत में आया एक यात्री मनूची लिखता है कि मुगल अय्याशियों और अपनी कामशक्ति बढ़ाने के लिए हकीमों को बुलवाते और उनसे अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी बनवा कर उनका सेवन करते थे.
गवर्नर को युवा से हुआ इश्क़
कुछ मुगल अमीर तो ऐसे थे जो द्विलिंंगी (Bisexual) भी थे. ऐसे लोगों के हरम में कोमल, कामुक और खूबसूरत युवक होते थे. ये मुगल अमीर महिलाओं से नहीं बल्कि युवकों से प्यार-मोहब्बत को ही सच्चा कहते थे. तब तक होमोसेक्सुअलिटी का भारत में विस्तार ज्यादा नहीं हुआ था. एक वक्त की बात है जब एक गवर्नर को खूबसूरत और जवान लड़के से प्यार हो गया. यह घटना शाहजहां के शासनकाल की है. यह गवर्नर बुरहानपुर का था जों जवान युवक पर अपना दिल हार बैठा.
गवर्नर का ही कर दिया काम तमाम
वह उस लड़के के साथ हमबिस्तर होना चाहता था लेकिन लड़का नहीं माना और गुस्से में उसने गवर्नर का किस्सा ही खत्म कर दिया. मुगल दरबार में इस प्रकार के कई वाकिये देखे गए है. अकबर के दरबार में एक व्यक्ति रहता था, जिसका नाम खान जमान उर्फ अली कुली खान था. इस व्यक्ति को पानीपत की दूसरी जंग का नायक कहा जाता था. वहीं अकबर का ही एक सिपाही था, जिसका नाम था शमीम बेग. इतिहासकार उसके बारे में कहते हैं कि वह अपने दौर का बेहद खूबसूरत और सजीला सिपाही हुआ करता था.
कुली खान बन गया शमीम का गुलाम
कुली खान तो उसे देखकर मदहोश हो जाता था. लेकिन जैसे ही दोनों का सामना हुआ दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ गए. कुली खान शमीम बेग के पीछे इतना दीवाना हो गया कि वह शमीम को अपना सुल्तान तक पुकारने लगा था. वह उसको चुटकुले सुनाता, कभी किसी अलग तरीके से उसी मनोरंजित करता. एक तरह से कुली खान उसका गुलाम बन गया. लेकिन कुली खान की जिंदगी में शमीम के अलावा और भी कई लोग थे.
शमीम बेग के बाद काबुल खान को किया पसंद
कुली खान को एक तवायफ अरम जान भी अच्छी लगती थी. अबुल फजल लिखते हैं कि अरम खान की जिंदगी में कुली खान से पहले न जाने कितने व्यक्ति आए थे. इन तीनों के रिश्ते के बारे जानकर उस समय बवाल मच गया. एक शराबी से झगड़ा होने के कारण शमीम बेग की मृत्यु हो गई थी जिसने कुली खान को हिला कर रख दिया. परंतु बाद में उसे काबुल खान नाम का एक युवक पसंद आ गया जिसे नाचना भी आता था. इस प्रकार कुली खान शमीम बेग के सदमे से बाहर आया और काबुल खान के साथ अपना समय बिताने लगा.