Narnaul News: 19 माह के अर्जुन को हुई दुर्लभ बीमारी, दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन से बच सकती है जान
नारनौल, Narnaul News :- कई बार हमें कुछ ऐसी स्थितियां देखने को मिलती हैं जब हमें लगता है कि भगवान किसी के साथ इतना बुरा कैसे कर सकता है. आज हम आपको एक ऐसे ही खबर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. एक नन्हे से बच्चे को एक ऐसी खतरनाक बीमारी हो चुकी है जिसकी वजह से उसके परिजन और वह बच्चा बिल्कुल परेशान है. 5 मई 2022 को अर्जुन का जन्म हुआ और जन्म के समय वह बिल्कुल स्वस्थ था. ज़ब वो 6 महीने का हुआ अचानक उसकी पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया.
इलाज के लिए इधर-उधर भटके परिजन
परिजन इलाज के लिए इधर- उधर अस्पतालों में भटकते रहे. मगर कोई भी सही बीमारी नहीं बता पाया और आराम नहीं मिला. हैदराबाद से Test रिपोर्ट आने के बाद जयपुर में जेके लोन अस्पताल के डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि अर्जुन को एसएमए टाइप-1 बीमारी (स्पाइनल मरकूलर स्ट्रोफी)है. जिसके उपचार का पता चलने के बाद परिवार के होश उड़ गए. जांच पड़ताल में सामने आया कि जोलजेस्मा के इंजेक्शन से ही अर्जुन ठीक हो सकता है. मुसीबत यह है कि यह दवा भारत में नहीं, बल्कि नीदरलैण्ड में बनती है और भारत में एक इंजेक्शन की कीमत 17.50 करोड़ रुपये है.
अर्जुन को चबाने और निकलने में होती है परेशानी
नांगल चौधरी में एसएस हॉस्पिटल में नौकरी कर रहे रिटायर टीचर रामजीलाल जांगिड़ जो अर्जुन के दादा है, उन्होंने बताया कि उनका पोता फिलहाल राजस्थान में डाबला के पास गांव स्यालोदड़ा में रहता है. अर्जुन कों यह गंभीर बीमारी हुई है. यह ज्यादातर मुंह और गले की मांसपेशियों का Control करने वाली तंत्रिकाओं पर प्रभाव डालता है. ऐसे में अर्जुन को चबाने और निगलने में परेशानी होती है. एसएमए टाइप-वन में रोग की शुरुआत बच्चे के जीवन के शुरू के छह महीने में दिखने लगता है. एसएमए टाइप-वन से पीडित बच्चे सहारे के बिना बैठ नहीं सकते है और आमतौर पर दो वर्ष का होने से पहले उनकी मृत्यु हो जाती है. इसका एक ही इलाज है जो जोलजेस्मा इंजेक्शन है.
बचा है सिर्फ दो-तीन महीने का वक्त
अर्जुन अभी 19 महीने का है और यह इंजेक्शन दो साल तक ही लगता है. हमारे पास अब सिर्फ दो-तीन महीने ही शेष है. दादा ने बताया कि उनका बेटा चिराग सिटी स्कैन मशीन ठीक करनेवाली निजी कंपनी में काम करता है. परिवार इतना सक्षम नहीं है कि इतनी मोटी रकम वहन कर पाये. उन्होंनेबताया कि इस दौरान एक एनजीओ इम्पेक्ट गुरू आगे आई है जो लोगों को सोशल मीडिया या अन्य संसाधनों के जरिये अर्जुन से जुड़ी हर चिकित्सकरिपोर्ट व डिटेल सांझा कर पैसा इकट्ठा कर रही है. यहीं नहीं, वह लोकसभास्पीकर ओम बिरला से भी मिल चुके है. पीएमओ को भी फाइल भिजवा चुके है.
जानिए क्या है जोलजेस्मा इंजेक्शन
अब अगर जाने कि जोलजेस्मा इंजेक्शन क्या है तो यह दुनिया की सबसे महंगी दवा जोलजेस्मा का इंजेक्शन है. चिकित्सक श्रेणी में इसे एक प्रकार की जीन थेरेपी कहा जाता है जिसका इस्तेमाल स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) से पीडित बच्चों के इलाज के लिए होता है. यह बीमारी बच्चों के मांसपेशियों को कमजोर करती है और अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह घातक बन सकती है. जोलजेस्मा इंजेक्शन बच्चे को एक बार लगता है जो बच्चे के शरीर में एक नए जीन को डालता है जो एसएमए के प्रभाव को खत्म करता है. जोलजेस्मा इंजेक्शन कों अभी भी भारत में मंजूरी नहीं है, लेकिन डॉक्टर की सलाह और सरकार की अनुमति के बाद इसे Import किया जा सकता है.