Navratri 2024: महाभारत काल से जुड़ा है कैथल का ये काली माता मंदिर, इतिहास जान फता रह जाएगा मुँह
कैथल, Navratri 2024 :- जिले में माता गेट स्थित शहर के ऐतिहासिक सूर्यकुंड डेरे में स्थित काली माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. कहा जाता है कि इस डेरे का इतिहास महाभारत काल से संबंधित है. यह कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में शामिल है. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव पुत्र युुधिष्ठिर ने कैथल में नवग्रह कुंडों की स्थापना की थी. इनमें से सबसे बड़ा कुंड माता गेट पर सूर्यकुंड के नाम से स्थापित किया गया था. दूसरी तरफ यहां पर स्थित काली माता के मंदिर को बाजीगर समाज की कुलदेवी माना जाता है.
लगता है भव्य मेला
इसलिए चैत्र मास की अमावस्या व पहले नवरात्र पर यहां पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. सूर्यकुंड के साथ यहां पर माता शीतला और माता काली का मंदिर है. यहां पर भगवान शिव का मंदिर भी है. पूरे मंदिर की दीवारे काले-भूरे रंग के ग्रेनाइट पत्थर से जड़ित है. मंदिर के बाहरी चारदीवारी में भगवान दत्तात्रेय, भगवान लक्ष्मीनारायण, राधाकृष्ण, हिंगलाज माता, मां दुर्गा, माता बगलामुखी, मां अन्नपूर्णा व गेट पर हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित हैं. अगर मंदिर के इतिहास के बारे में बात करें तो यहां के महंत रमनपुरी ने बताया कि डेरे में स्थित काली माता का मंदिर काफी प्राचीन है.
सपने में प्रकट हुई मां काली
आजादी से पहले बाजीगर समाज के बुजुर्ग कलवा पीर महाकाली के परम भक्त होते थे. वह लाहौर में निवास करते थे. सैकड़ों वर्ष पहले एक समय वह मां काली की आराधना कर रहे थे. उस समय जब वे रात के समय सोए तो मां काली उनके सपने में प्रकट हुई. मां काली ने कहा कि उन्हें सुबह एक बकरा दिखेगा, उस बकरे के साथ चलना. जहां पर भी यह बकरा जाकर रुक जाए तो वहां पर ही मेरा मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना करना. माता की बताई गई बातों के अनुसार बकरा सूर्यकुंड डेरे में आकर रूक गया.
50 हज़ार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने का अनुमान
इसके बाद से ही कलवा पीर यहां पर आकर बस गए. इस समय भी कलवा पीर की समाधि बनी हुई है और उनका धुना लगा हुआ है. चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं, इस अवसर पर यहां पर दो दिवसीय मेला लगेगा. इस मेले के लिए मंदिर प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है. अनुमान जताया जा रहा है कि यहां पर 50000 से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे. Jam की स्थिति से बचने के लिए चीका बाईपास से लेकर सीवन गेट और माता गेट से कमेटी चौक का रूट Divert किया जाएगा.