Jind News: जींद डिपो में 17 दिन पहले आई नई रोडवेज बसें फक रही धूल, विभाग के पास नहीं है ड्राइवर और कंडक्टर
जींद :- जिले के डिपो में कुछ ही वक्त पहले नई बसों को शामिल किया गया था मगर ये बसें अभी तक यही खड़ी है. आपको बता दें कि 17 दिन पहले जींद डिपो में 12 बसों को भेजा गया था मगर इन बसों की Passing नहीं हो पाई है जिस वजह से ये अभी Depot में ही खड़ी है. डिपो में बसों की संख्या के अनुसार ड्राइवर और Conductor ही उपलब्ध नहीं है. बीते तीन माह में डिपो में 50 से ज्यादा बसें भेजी जा चुकी हैं.
HKRN के तहत भर्ती होंगे 30 कंडक्टर
डिपो में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत 30 परिचालकों की भर्ती की जाएगी. इसके अतिरिक्त परिचालकों के Overtime की शुरुआत भी की गई है. ड्राइवर भी कम है ऐसे में संभावना है कि उनका ओवर टाइम भी शुरू हो जाए. इन 12 नई बसों को On Route किए जाने में अभी कुछ दिन लग सकते हैं. इससे पहले भी जब बसें आई थी तो हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये 23 कंडक्टरों को भर्ती किया गया था.
सरकार की निजीकरण पॉलिसी के खिलाफ है यूनियन
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के रा’य उप प्रधान संदीप रंगा का कहना है कि परिवहन विभाग ने डिपो में नई बसें जरूर भेजी हैं पर बसों के मुताबिक कर्मचारी उपलब्ध नहीं है. सरकार हरियाणा कौशल निगम के तहत कंडक्टर और ड्राइवर को भर्ती कर रही है. यूनियन सरकार की इस निजीकरण Policy का विरोध कर रही है. उनका कहना है कि सरकार को बेडे में स्थाई भर्ती करनी चाहिए ताकि युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके. परिवहन विभाग की तरफ से 1.7 नोरम के अनुसार 100 बसों पर 170 चालक और परिचालक चाहिए है.
ड्राइवरों को भी दिया जा सकता है Overtime
इस वक़्त डिपो में 165 बस आनरूट हैं. जिसमें 37 बसे किलोमीटर Scheme वाली है और 12 नई बसों की पासिंग होनी है. Norm के अनुसार इन बसों पर 290 से ज्यादा चालक व परिचालक उपलब्ध होने चाहिए. अभी डिपो में 244 चालक व 269 Conductor काम कर रहे है. नई 12 बसों को आनरूट करने की Process चल रही है जिसमें पासिंग, Fastag व बीमा जैसी कागजी कार्रवाई होती है. जींद डिपो के महाप्रबंधक कमलजीत का कहना है कि बसों की संख्या को ध्यान में रखते हुए हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत डिपो में और नए परिचालको को भर्ती किया जाना है. यदि बसों के अनुसार ड्राइवर भी कम रहेंगे तो HKRN के तहत नए ड्राइवर नियुक्त होने तक चालकों को ओवरटाइम देने पर सोचा जा सकता है.