नई दिल्ली

अब गोल्ड के बाद अब गेहूं को लेकर अमेरिका से आई बड़ी खबर, भाव पर होगा ये बुरा असर

नई दिल्ली :- अमेरिका से गेहूं को लेकर बड़ी खबर आ रही है. ये खबर दुनिया भर के गेहूं बाजारों की नई तस्वीर पेश कर रही है. न्यूज एजेंसी का कहना है कि अमेरिका में गेहूं का भंडार बढ़ रहा है, जबकि ग्लोबल स्तर पर व्यापार और उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है.

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Haryana Gehu Bhav Today
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गेहूं को लेकर बड़ी खबर आई है

अमेरिका में गेहूं का आयात 2017/18 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. वहीं, घरेलू खपत में मामूली गिरावट आई है. खासकर बीज का इस्तेमाल भी गिर गया है. रिपोर्ट बताती हैं कि एक्सपोर्ट में 15 मिलियन बुशेल की कमी, जिससे अमेरिकी गेहूं के भंडार में 22% की बढ़ोतरी. ग्लोबल स्तर पर एक्सपोर्ट 7% घटा और स्टॉक 2015/16 के बाद सबसे निचले स्तर पर हैं.फिर भी, अमेरिका में गेहूं का औसत भाव $5.50 प्रति बुशेल पर स्थिर बना हुआ है.

अमेरिका का क्या हाल है

आयात 150 मिलियन बुशेल तक पहुंचा, जो पिछले महीने से 10 मिलियन बुशेल ज्यादा है.Hard Red Spring, Durum, White और Hard Red Winter जैसे गेहूं की किस्मों में आयात बढ़ा है.घरेलू खपत थोड़ी घटी है, खासकर बीज की मांग में कमी के चलते है. एक्सपोर्ट का अनुमान घटकर 820 मिलियन बुशेल रह गया है. अमेरिकी गेहूं का भंडार अब 846 मिलियन बुशेल होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले 22% ज्यादा है. वैश्विक स्तर पर:- वैश्विक गेहूं का उत्पादन थोड़ा घटा है, खासकर यूरोपीय संघ (EU) और सऊदी अरब में. रूस, ऑस्ट्रेलिया और EU से निर्यात में भी गिरावट आई है.वैश्विक गेहूं का व्यापार 1.3 मिलियन टन घटा है.

इसके बावजूद, वैश्विक गेहूं भंडार हल्का बढ़कर 260.7 मिलियन टन हो गया है, लेकिन यह अब भी पिछले साल से 3% कम है.

गेहूं बाजार के लिए आगे का रास्ता

अमेरिका में घरेलू आपूर्ति बढ़ रही है, लेकिन निर्यात मांग कमजोर हो रही है. वैश्विक स्तर पर कुल आपूर्ति और व्यापार घट रहा है, जिससे बाजार में तनाव बना रह सकता है.कीमतों पर फिलहाल स्थिरता बनी हुई है, लेकिन आगे चलकर व्यापारिक तनाव से नकारात्मक दबाव बन सकता है. अमेरिका में गेहूं के भंडार बढ़ रहे हैं, पर दुनिया भर में आपूर्ति घट रही है. इस असंतुलन से आगे चलकर कीमतों में उतार-चढ़ाव तेज हो सकता है. किसान, व्यापारी और निवेशकों के लिए यह समय सावधानी से कदम उठाने का है.

चलते चलते आपको बुशेल (Bushel) के बारे में बताते हैं

बुशेल एक मात्रा नापने की इकाई है, जिसका इस्तेमाल खासतौर पर कृषि उपज जैसे गेहूं, मक्का, जौ, सोयाबीन आदि को मापने के लिए किया जाता है.बुशेल को हिंदी में हम “पैमाने की टोकरी” या “नाप” कह सकते हैं.

बुशेल का मतलब होता है – एक तय मात्रा या वजन.लेकिन ध्यान रहे – अलग-अलग अनाज के लिए बुशेल का वजन थोड़ा अलग हो सकता है.

अनाज 1 बुशेल का वजन
गेहूं (Wheat) 60 पाउंड (~27.2 किलो)
मक्का (Corn) 56 पाउंड (~25.4 किलो)
सोयाबीन (Soybean) 60 पाउंड (~27.2 किलो)

ऐसे जानिए-

सवाल जवाब
बुशेल क्या है? एक नापने की इकाई (मुख्यतः अनाज के लिए)।
गेहूं के लिए 1 बुशेल में कितना वजन होता है? लगभग 27.2 किलो।
क्यों जरूरी है? अमेरिका व अन्य देशों में अनाज की कीमतें और भंडारण बुशेल में मापा जाता है।

गेहूं के लिए बुशेल कैसे मापा जाता है?

गेहूं के लिए 1 बुशेल का वजन लगभग-  60 पाउंड होता है यानी लगभग 27.2 किलो है.

सीधा मतलब:-अगर कोई कहता है कि “100 बुशेल गेहूं”, तो इसका मतलब हुआ करीब 2,720 किलो गेहूं (या 2.72 टन गेहूं) है.

बुशेल का इस्तेमाल क्यों करते हैं?

अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में किसानों और व्यापारियों के बीच गेहूं की खरीद-बिक्री बुशेल के आधार पर होती है.  गेहूं की कीमतें जैसे “$5.50 प्रति बुशेल” का मतलब है – 27.2 किलो गेहूं की कीमत $5.50.

Author Meenu Rajput

नमस्कार मेरा नाम मीनू राजपूत है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैंने बीकॉम, ऍम कॉम तक़ पढ़ाई की है. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

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