अब ओला-उबर-रैपिडो में आम लोग नहीं चला सकेंगे बाइक और टैक्सी, बदल गया है ये बड़ा नियम
नई दिल्ली :- अब बाइक टैक्सी के लिए परमिट जरूरी कर दिया गया है. अवैध बाइक-टैक्सी पर लगाम लगाने के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं, जिनके मुताबिक़ अब बाइक टैक्सी के परमिट के लिए 1350 रुपये फीस देनी होगी और साथ ही प्रति सीट 600 रुपये टैक्स भी निर्धारित किया गया है. ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपीडो जैसी कंपनियां अब निजी वाहनों के लिए अपना ऐप उपलब्ध नहीं करा पाएंगी और निजी वाहन भी ऐप का इस्तेमाल किसी कीमत पर नहीं कर पाएंगे.
अवैध बाइक-टैक्सी पर लगाम
इस फैसले से अवैध बाइक-टैक्सी पर लगाम लगेगी और परिवहन विभाग को राजस्व का भी फायदा होगा. पहले चरण में 500 परमिट जारी किए जाने की तैयारी है. अभी शहर के अंदर ओला, उबर, इन ड्राइव और रैपिडो जैसी कंपनियों की बाइक टैक्सी चल रही हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर कमर्शियल नहीं हैं और इनका इस्तेमाल व्यावसायिक हो रहा है, लेकिन इसके बदले परिवहन विभाग को राजस्व नहीं मिल रहा है.
परमिट लेना जरूरी
संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की तरफ से बाइक टैक्सियों को परमिट देने में बाधा बन रही सीएनजी रिट्रोफिटमेंट की शर्त हटा देने से रास्ता साफ हो गया है. इस शर्त के हटने से बाइक टैक्सी के परमिट का आवेदन करने वाले वाहन मालिकों को आसानी से परमिट मिल जाएगा. साथ ही दोपहिया वाहन को बाइक टैक्सी के तौर पर चलाने के इच्छुक लोगों को रोजगार मिल सकेगा. भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही परमिट से छूट मिली हुई है. ऐसे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन इस दायरे में नहीं आएंगे. हालांकि इलेक्ट्रिक दोपहिया ऐसे वाहन जो बाइक टैक्सी के तौर पर संचालित होंगे, उन्हें अपना वाहन कमर्शियल में कन्वर्ट कराना होगा. पेट्रोल से संचालित दोपहिया वाहनों को परमिट लेना जरूरी होगा.
सीएनजी बाइक टैक्सी
उत्तर प्रदेश में साल 2018 में आयोजित की गई पहली इंवेस्टर समिट के दौरान बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई थी. उस दौरान आरटीओ की ओर से बाइक टैक्सी के 750 परमिट स्वीकृत किए गए थे. इनमें 500 परमिट ओला, 200 परमिट उबर और 50 परमिट एक अन्य कंपनी के स्वीकृत हुए थे. आम जनता को यातायात जाम से निजात दिलाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के मकसद से सीएनजी बाइक टैक्सी को सड़क पर उतारा गया था. बाइक टैक्सी की शुरूआत के दौरान इसमें कई अहम शर्तें भी जोड़ी गई थीं. इसके तहत बाइक टैक्सी को छह माह में सीएनजी में कन्वर्ट किया जाना था. हालांकि आईकैट से मंजूरी न मिलने से इनका कन्वर्जन सीएनजी में नहीं हो सका. उस दौरान सिर्फ 18 परमिट स्वीकृत हुए थे, जो शर्त पूरी न कर पाने के चलते निरस्त हो गए थे. अब आरटीए ने इस शर्त को हटा देने से बाइक टैक्सी को परमिट देना आसान हो गया है.