अब जमीन या प्लॉट बेचना नहीं रहेगा आसान, सरकार को देना होगा इतना टैक्स
नई दिल्ली :- अगर आपने हाल ही में कोई ज़मीन या प्रॉपर्टी बेची है या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग संपत्ति बेचते वक्त यह नहीं जानते कि उन्हें कितना टैक्स देना होगा, और किस तरह से टैक्स को कम किया जा सकता है। यह रिपोर्ट आपको कैपिटल गेन टैक्स से जुड़ी अहम बातों को आसान भाषा में समझाएगी।
प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स क्यों लगता है?
जब आप किसी ज़मीन या अचल संपत्ति को बेचते हैं और उस बिक्री से मुनाफा कमाते हैं, तो उसे कैपिटल गेन (Capital Gain) कहा जाता है। इस लाभ पर सरकार टैक्स वसूल करती है, जिसे कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं।
यह टैक्स दो तरह का हो सकता है:
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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) – अगर संपत्ति 24 महीने से कम समय तक आपके पास रही।
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) – अगर संपत्ति आपने 24 महीने या उससे अधिक समय तक रखी।
टैक्स सिर्फ उस लाभ पर लगता है जो आपने बिक्री से कमाया है – यानी खरीद और बिक्री मूल्य के अंतर पर।
बजट 2024-25 में बड़ा बदलाव
सरकार ने शुरुआत में अचल संपत्ति की बिक्री पर इंडेक्सेशन बेनिफिट (मुद्रास्फीति समायोजन) खत्म करने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में वित्त विधेयक 2024 में इसे संशोधित किया गया।
अब 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी पर आपको इंडेक्सेशन का लाभ मिल सकता है। साथ ही, दो विकल्प दिए गए हैं:
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बिना इंडेक्सेशन: 12.5% टैक्स रेट
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इंडेक्सेशन के साथ: 20% टैक्स रेट (लेकिन महंगाई के हिसाब से लागत समायोजित होती है)
कैसे निकाले LTCG टैक्स?
मान लीजिए आपने 2001 में 2 लाख रुपये में एक ज़मीन खरीदी थी और अब 2024-25 में उसे 10 लाख रुपये में बेच दिया:
विकल्प 1 – इंडेक्सेशन के साथ:
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इंडेक्स लागत: ₹2,00,000 × (363/100) = ₹7,26,000
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लाभ: ₹10,00,000 – ₹7,26,000 = ₹2,74,000
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टैक्स @20% = ₹54,800
विकल्प 2 – बिना इंडेक्सेशन:
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लागत: ₹2,00,000
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लाभ: ₹10,00,000 – ₹2,00,000 = ₹8,00,000
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टैक्स @12.5% = ₹1,00,000
जाहिर है, किस विकल्प में कितना टैक्स देना होगा, ये आपके खरीद मूल्य, बिक्री मूल्य और साल पर निर्भर करता है।