HBSE News: अब हरियाणा मे 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई जाएगी संस्कृत, हिन्दी मे फेल होने पर संस्कृत से किए जाएंगे पास
भिवानी :- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) की तरफ से संस्कृत विषय के लिए कुछ अहम कदम उठाए जा रहे हैं. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में तैयारियां की जा रही है कि अब 12वीं तक संस्कृत को अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाया जाए. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति की त्रिभाषा के प्रविधान को लागू करने पर विचार कर रहा है.
12वीं में विद्यार्थियों को पढ़ने होंगे 6 विषय
संस्कृत तीसरी भाषा के रूप में लागू होगी तथा Board Of Director की बैठक में इस फैसले पर आखिरी मुहर लगाई जाएगी. संस्कृत के साथ Option के रूप में उर्दू और पंजाबी भाषाएं भी दीं जाएगी लेकिन हरियाणा में उर्दू तो नाममात्र विद्यार्थी ही लेते हैं, जबकि पंजाबी विषय को त्रिभाषा के प्रविधान के बाद 12वीं में विद्यार्थियों को कुल छह विषय पढ़ने होंगे. हालांकि यदि कोई हिंदी में Fail हो जाता है तो वह संस्कृत विषय के अंकों के आधार पर पास हो जाएगा.आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
90% विद्यार्थी चुनेंगे संस्कृत
अब तक हरियाणा बोर्ड में 10वीं तक ही संस्कृत विषय Optional Subject के रूप में पढ़ाया जाता है. ज्यादातर Students अच्छे Marks के लिए फिजिकल एजुकेशन चुनते है. अब अंग्रेजी, हिंदी के बाद त्रिभाषा के प्रविधान के तहत संस्कृत, पंजाबी, उर्दू विषय को पढ़ाने की तैयारी है. विशेषज्ञों का मानना है कि संस्कृत, उर्दू और पंजाबी में से 90 प्रतिशत विद्यार्थी संस्कृत विषय को ही Select करेंगे क्योंकि इसमें काफी ऑप्शन है.
40 देशों के 254 विवि में पढ़ाई जा रही संस्कृत
विशेषज्ञों ने दलील पेश की है कि भारत के अतिरिक्त 40 देशों के 254 विश्वविद्यालय में संस्कृत के विभाग बने हैं और वहां संस्कृत विषय का लगातार पठन-पाठन हो रहा है. शास्त्र संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 18 संस्कृत विश्वविद्यालयों में Department हैं. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के Chairman डा. वीपी यादव ने बताया कि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है और इसमें शिक्षा, रोजगार के मोके बहुत अधिक है. इसलिए अब उर्दू, पंजाबी और संस्कृत में से वैकल्पिक विषय चुनना होगा.