हेल्थनई दिल्ली

Skin Bank: अब इलाज के लिए हरियाणा, दिल्ली के लोगों को नहीं होगी परेशानी, उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक खुला यहाँ

नई दिल्ली, Skin Bank :- दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. आपको बता दें कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक (Skin Bank) खुल चुका है. मंगलवार से स्किन बैंक शुरू हो चुका है. त्वचा संक्रमण, त्वचा कैंसर, मोहस सर्जरी, अल्सर, और धीरे- धीरे ठीक होने वाले या बड़े घावों के रोगी इस बैंक का लाभ उठा सकते है. इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को स्किन ग्राफ्टिंग (Skin Grafting) कराने के लिए इस बैंक से लाभ मिलता हैं.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

hospital opd

फिलहाल देश में है 16 स्किन बैंक

फिलहाल देश में 16 स्किन बैंक हैं. इनमें महाराष्ट्र में सात, चेन्नई में चार, कर्नाटक में तीन और मध्य प्रदेश और ओडिशा में एक-एक स्किन बैंक स्थापित हैं. डॉ. शलभ कुमार के मुताबिक अभी तक हमारे पास दिल्ली या उत्तर भारत में स्किन बैंक नहीं था. लोग हमें Phone करते थे और त्वचा दान के लिए कहते थे, लेकिन हम कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकते थे. डॉ शलभ कुमार ने बताया कि आज लोग अंगदान के बारे में जानते हैं, मगर त्वचा दान के बारे में उन्हें नहीं पता. सफदरजंग हॉस्पिटल की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार भारत में हर साल 7 से 10 मिलियन लोग जलने से घायल होते हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं के बाद चोट की दूसरी वजह है.

मृत्यु दर में आती है कमी 

रोगी की त्वचा अगर ज्यादा जल गई है या क्षतिग्रस्त हो गई है तो त्वचा कैंसर, अल्सर और धीरे ठीक होने वाले या बड़े घावों के मरीज बैंक के जरिये स्किन ग्राफ्टिंग कर सकते है. डॉ के मुताबिक स्किन ग्राफ्टिंग से मृत्यु दर में कम होती है. रोगियों के जीवित रहने की दर बढ़ती है. उन्हें बेहतर उपचार Result मिलते है. यह मरीज के Hospital में रहने और इलाज के कुल खर्च को भी कम करता है. पहले हमें गंभीर रोगियों के इलाज के लिए दक्षिणी भारत से त्वचा मंगवाना पड़ता था. अब दिल्ली में स्किन बैंक होने से वहां से मंगवाना नहीं पड़ेगा.

3 से 5 साल तक संरक्षित हो सकती है दान में मिली त्वचा

उन्होंने बताया कि स्किन ग्राफ्टिंग एक बहुत ही आसान Process है. यह मृत व्यक्ति की त्वचा मृत्यु के छह घंटे के अंदर दान की जा सकती है. फिर त्वचा को निकाला और काटा जाता है. उसे मेडिकल साइंस के अनुसार संरक्षित रखने के लिए संशोधित किया जाता है. इस काम में पांच से छह हफ्ते का वक़्त लगता हैं. इसके बाद  मरीजों को संरक्षित स्किन उपलब्ध करवाई जाती है. Kidney और लीवर के Transplant के विपरीत इसे संग्रहित किया जा सकता है. जबकि किडनी और लीवर दान मिलने के कुछ घंटों के अंदर उसे प्रत्यारोपित करना अनिवार्य होता है. दान में मिले त्वचा का संरक्षण 3 से 5 साल के लिए भी किया जा सकता है.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button