अब DTC बसों में भी लागू हुआ विमानों वाला नियम, हर बार ड्यूटी से पहले ड्राइवरों की होगी जांच
विमान के पायलट की तरह अब दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के ड्राइवरों को भी ड्यूटी जॉइन करने से पहले अल्कोहल जांच की प्रक्रिया से गुजरना होगा। जांच में पास होने के बाद ही उन्हें ड्यूटी सौंपी जाएगी। इसके लिए डीटीसी ने अपने सभी डिपो पर ब्रेथ एनालाइजर लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सभी डिपो पर हाजिरी लगाने के लिए चेहरे को पहचानने वाली बायोमीट्रिक मशीनें भी लगाई जाएंगी। डीटीसी ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही बायोमीट्रिक मशीन और ब्रेथ एनालाइजर लगाने का काम शुरू होगा।
डीटीसी फिलहाल 36 डिपो से तकरीबन 3400 से ज्यादा बसों का संचालन कर रही है। इनमें 1632 बसें इलेक्ट्रिक हैं। इन डिपो, बसों और कार्यालयों में 30 हजार कर्मचारी काम करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि डिपो में ब्रेथ एनालाइजर लगाने का मकसद शराब पीकर बसों पर ड्राइविंग करने को रोकना है।
उन्होंने बताया कि इससे हादसों में कमी आएगी और कर्मचारियों व यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। डिपो पर ब्रेथ एनालाइजर लगने के बाद कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के साथ ही इन ब्रेथ एनालाइजर से सांस के जरिये टेस्ट करना होगा। इससे पता चल जाएगा कि कर्मचारी ने शराब का सेवन कर रखा है या नहीं। शराब पीने का पता चलने पद चालक को ड्यूटी नहीं दी जाएगी।
डबल ड्यूटी पर भी रोक लगेगी
फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक मशीन लगने से बसों पर डबल ड्यूटी करने पर भी रोक लग जाएगी। मशीन में सुबह हाजिरी लगाने के साथ ही कर्मचारी के आने का समय दर्ज हो जाएगा। इसके बाद ड्यूटी से वापस जाते समय आउट पंच करना होगा। अगर कोई कर्मचारी डबल ड्यूटी करेगा तो उसे शाम की शिफ्ट में भी हाजिरी लगानी होगी, वरना उसकी उपस्थिति दर्ज नहीं होगी। दोबारा हाजिरी लगाते ही उसका रिकॉर्ड दोबारा जनरेट हो जाएगा और अधिकारियों को पता चल जाएगा।
बाहरी लोग नहीं कर सकेंगे प्रवेश
अधिकारी का कहना है कि डीटीसी के सभी डिपो पर फेस रिकग्निशन बायोमेट्रिक अटेंडेंस तकनीक वाली मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों के माध्यम से कर्मचारियों की हाजिरी का रियल टाइम डेटा मिल जाएगा और कर्मचारियों की हाजिरी को ट्रैक और मैनेज करना आसान होगा। बाहरी या अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगेगी।