अब खेती की ज़मीन खरीदने पर नहीं मिलेगी राहत, देना होगा ज्यादा टैक्स
नई दिल्ली :- किसानों और ज़मीन मालिकों के लिए खेती की ज़मीन पर लगने वाले टैक्स को लेकर अहम अपडेट सामने आया है। इनकम टैक्स नियमों 2025 के तहत खेती योग्य ज़मीन पर टैक्स से जुड़े प्रावधानों में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। आइए आसान शब्दों में समझते हैं कि कौन-सी ज़मीन पर टैक्स लगेगा, किसे राहत मिलेगी और किसे नहीं।
खेती की ज़मीन के दो मुख्य प्रकार:
खेती की भूमि को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
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ग्रामीण कृषि भूमि – जो गांव या कम आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित होती है।
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शहरी कृषि भूमि – जो शहरी इलाकों या नगरपालिकाओं की सीमा में आती है।
इन दोनों के टैक्स नियम अलग-अलग हैं, और ये जानना जरूरी है कि आपकी ज़मीन किस श्रेणी में आती है।
आयकर कानून के अनुसार कृषि भूमि की परिभाषा:
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 2(14) के अनुसार यदि कोई ज़मीन नगर पालिका, कैंटोनमेंट बोर्ड या नोटिफाइड टाउन एरिया के अंदर आती है और वहां की जनसंख्या 10,000 से अधिक है, तो उसे “कृषि भूमि” नहीं माना जाएगा।
यहां तक कि अगर कोई ज़मीन किसी बड़े शहर (जहां जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा हो) के 8 किलोमीटर के भीतर स्थित है, तब भी वो टैक्स के नजरिए से कृषि भूमि की श्रेणी में नहीं आएगी।
कब नहीं देना होगा टैक्स?
अगर आपकी ज़मीन उपरोक्त शर्तों से बाहर है यानी वह ग्रामीण क्षेत्र में आती है, तो उसे ग्रामीण कृषि भूमि माना जाएगा। ऐसी ज़मीन की बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा क्योंकि इसे आयकर अधिनियम में कैपिटल एसेट नहीं माना गया है।
शहरी कृषि भूमि पर टैक्स कैसे लगेगा?
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन: यदि ज़मीन 24 महीने या उससे अधिक समय तक रखी गई है, तो बिक्री से हुए लाभ पर 20% टैक्स लगेगा। हालांकि इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलेगा, जिससे टैक्स बोझ कम हो सकता है।
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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन: यदि ज़मीन को 24 महीने से पहले बेच दिया गया है, तो उस लाभ पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
बजट 2025 में क्या है नया?
2025 के बजट में सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है:
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अब ₹12 लाख तक की सालाना आय पूरी तरह टैक्स फ्री है।
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सैलरीड क्लास के लिए ₹12.75 लाख तक की आय पर स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ टैक्स छूट मिलेगी।
यह कदम विशेष रूप से मध्यम वर्ग और छोटे निवेशकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
अगर आप ज़मीन खरीदने-बेचने की सोच रहे हैं या खेती की ज़मीन रखते हैं, तो इन नए नियमों को समझना बेहद जरूरी है। सही जानकारी के साथ आप टैक्स बचा सकते हैं और कानूनी पचड़ों से दूर रह सकते हैं।