अब सेविंग अकाउंट में सिर्फ इतने पैसे कर सकेंगे जमा, जान क्या है बैंक का नया नियम
नई दिल्ली :- हर व्यक्ति चाहता है कि उसका भविष्य सुरक्षित हो, इसलिए ज्यादातर लोग बैंक में पैसा जमा करना बेहतर समझते हैं। आज के समय में लगभग हर किसी के पास एक या एक से अधिक बैंक खाते होते हैं। इन्हीं में सबसे आम प्रकार का खाता है सेविंग अकाउंट, जिसे लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
सेविंग अकाउंट की कोई संख्या सीमा नहीं:
आप चाहें तो अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार एक से अधिक सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं। इस पर कोई कानूनी रोक नहीं है। साथ ही, इस खाते में जमा की जाने वाली राशि पर भी कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यानी कि आप अपनी सुविधा अनुसार इसमें कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं।
इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है सूचना
हालांकि, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि सेविंग अकाउंट में जमा करते हैं, तो यह जरूरी है कि इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाए।
आयकर अधिनियम की धारा 286B ए के तहत, बैंक ऐसी उच्च राशि के लेन-देन की सूचना इनकम टैक्स विभाग को देने के लिए बाध्य होते हैं। अगर यह जानकारी विभाग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती, तो आपके पास नोटिस आने की संभावना भी हो सकती है।
सेविंग अकाउंट का ब्याज और टैक्स
सेविंग अकाउंट में जमा राशि पर बैंक आपको ब्याज भी देता है। लेकिन यह ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और उस पर आयकर लगाया जा सकता है।
बैंक आमतौर पर ब्याज पर 10% TDS (टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स) काटता है। हालांकि, आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत आप 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।
सीनियर सिटीजन्स के लिए यह सीमा और भी अधिक है। अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है, तो आप 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं।
फॉर्म 15G और TDS रिफंड
अगर किसी व्यक्ति की कुल सालाना आय, सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज समेत, टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह फॉर्म 15G (या 15H – वरिष्ठ नागरिकों के लिए) भरकर बैंक में जमा कर सकता है। इससे बैंक TDS नहीं काटेगा या पहले से कटे TDS का रिफंड प्राप्त किया जा सकता है।