बैंक खाते में अब रखना होगा इतना मिनिमम बैलेंस, इस गलती पर खाते से हमेशा कटते रहेंगे पैसे
नई दिल्ली :- मार्केट कैप के लिहाज से बैंक ऑफ बड़ौदा, भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। बैंक ऑफ बड़ौदा का मौजूदा मार्केट कैप 1.14 लाख करोड़ रुपये के आसपास है। देशभर में बैंक ऑफ बड़ौदा के करोड़ों ग्राहक हैं। अगर आप भी बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। आज हम यहां जानेंगे कि बैंक ऑफ बड़ौदा के नियमों के तहत आपके बैंक खाते में मिनिमम कितना बैलेंस होना जरूरी है। बताते चलें कि खाते में मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने की स्थिति में बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलता है, जो सीधे खाते में जमा पैसों से ही कट जाता है।
अलग-अलग क्षेत्र के खातों के लिए है अलग-अलग लिमिट
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से बैंक खाते के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट तय कर रखी है। रूरल यानी ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट 500 रुपये है। सेमी-अर्बन यानी अर्ध शहरी क्षेत्रों में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट 1000 रुपये है और दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट 2000 रुपये है। अगर आप अपने खाते में बैंक द्वारा तय की गई मिनिमम लिमिट को मेनटेन नहीं करते हैं तो बैंक आपके खाते से डायरेक्ट जुर्माने की राशि काट लेता है।
मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने पर कितना लगता है जुर्माना
बैंक ऑफ बड़ौदा में अगर आप तिमाही आधार पर मिनिमम बैलेंस की लिमिट को मेनटेन नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना भरना होता है। मेट्रो और अर्बन एरिया के खातों के लिए ये जुर्माना 200 रुपये है जबकि सेमी-अर्बन एरिया के खातों के लिए ये जुर्माना 100 रुपये है। यानी, भलाई इसी में है कि आप अपने बैंक खाते में कम से कम मिनिमम बैलेंस को मेनटेन रखें, वरना बैंक आपके खाते से ही जुर्माने की राशि काटता रहेगा और आप परेशान होते रहेंगे।