Palwal News: आज खुलेगा पलवल का प्राचीन काली माता मंदिर, पाकिस्तान से लाई गई थी मिट्टी की मूर्तियां
पलवल, Palwal News:- हरियाणा में विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग रहते हैं, हरियाणा में सभी धर्मों में सबसे ज्यादा हिंदू धर्म के नागरिक रहते हैं. हिंदू धर्म में भी कई देवी देवताओं को पूजनीय माना गया है. इन दिनों नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है लोग 9 दिनों तक अपने घरों में दुर्गा माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं. वही नवरात्रों के दिन पलवल के जवाहर नगर कैंप में स्थित काली माता मंदिर के दरवाजे 2 दिन के लिए खुलते हैं.
365 दिन जलती है अखंड ज्योत
पलवल के जवाहर नगर कैंप में स्थित काली माता मंदिर के पट नवरात्रों में केवल 2 दिन ही खुलते हैं. इस मंदिर में 365 दिन सरसों के तेल की अखंड ज्योति चलती रहती है. इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय किया गया था. बंटवारे के समय मंदिर के महंत बाबा हंसगिरी जी महाराज पाकिस्तान के जिला रचानपुर के गांव रुझान से मिट्टी की बनी मां काली माता वैष्णो देवी और भैरव बाबा की प्रतिमा लाकर यहां स्थापित की थी.
मंदिर से जुड़ी कई मान्यता
मंदिर के महंत तीर्थदास ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर दिल्ली से आगरा की तरफ जाते समय 62 किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे पर जवाहर नगर कैंप में स्थित है. यह मंदिर नवरात्रों के सातवें दिन तारा दिखने के बाद खोला जाता है. माता के दर्शन मात्र से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. मान्यता है कि यदि 7वें माह में गर्भ में बच्चा खराब होता है तो देवी के दर्शन करने बच्चा खराब नहीं होता.
मंदिर में होने वाली सभी क्रियाएं
- मंदिर में सुबह शाम माता की आरती की जाती है और काले चने और सरसों के तेल का भोग लगाया जाता है.
- इस मंदिर में भैरव बाबा काली माता और वैष्णो माता को भो काले चने का भोग लगता है भोग को भक्त स्वयं अपने हाथों से मंदिर में ही तैयार करते हैं.
- भारत पाक बटवारे के समय जो भी पाकिस्तान के रुझान बिरादरी के लोग हिंदुस्तान आए आज भी वे वर्ष में दो बार पलवल माता के दर्शन के लिए आवश्यक आते हैं. चाहे वह देश के किसी भी कोने में रहते हो.
- इतना ही नहीं ये लोग परिवार में किसी की मौत हो जाने पर इस मंदिर में आकर सवा किलो सरसों का तेल अवश्य चढ़ाते हैं. इस तेल से मंदिर में अखंड ज्योति जलाई जाती है.