Palwal News: पलवल में है 700 साल पुराना ये प्रसिद्ध मंदिर, आज भी कोई नहीं बुला है ये बड़ा चमत्कार
पलवल, Palwal News :- भारत में ऐसे अनेक मंदिर है, जिनकी कहानी बहुत रहस्यमई तथा अनोखी है. हरियाणा के पलवल में भी एक ऐसा ही मंदिर है, जो बनी वाला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि यहां लगभग 700 साल पहले बाबा उदासनाथ पलवल के गांव कुराड़ा पहुंचे थे. वहां उन्होंने समाधि के लिए जगह मांगी थी, परंतु लोगों ने बोला कि हमें यहां पूरा गांव बसाना है, इसलिए आप कहीं और चले जाए.
अलावपुर में बाबा चमत्कार
बनीवाला मंदिर के महंत बलराम दास ने बताया कि जब 700 साल पहले बाबा उदास नाथ अलावलपुर गांव पहुंचे तो उन्होंने एक बूढ़े आदमी से पानी मांगा. उस व्यक्ति ने कहा कि बाबा यहां जंगल में पानी नहीं है. बाबा ने कहा कि सामने वाले कुएं से पानी ले आओ. इस पर बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि यह कुआं जहरीला है. इसका पानी पीना तो दूर, यदि कोई पक्षी भी इस कुएं पर बैठेगा तो मर जाएगा. इसके बाद बाबा मुस्कुराए और बोले सामने गाय चर रही है, उसका दूध निकाल लाओ. फिर बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि बाबा इस गाय ने अभी तक बच्चा नहीं दिया है, इसलिए यह दूध नहीं देगी. बाबा ने कहा तुम एक बार कोशिश तो करो. बाबा को प्रसन्न करने के लिए जब बूढ़े व्यक्ति ने गाय का दूध निकाला तो गाय ने दूध देना शुरू कर दिया. बाबा के इस चमत्कार को देखकर सभी लोग हैरान रह गए.
बनी वाला नाम से प्रसिद्ध मंदिर
बाबा उदास नाथ के चमत्कार देखकर अलावलपुर गांव के निवासियों ने उनसे वहीं रुकने का अनुरोध किया.बाबा ने ग्रामवासियो की बात मान ली और बाहर जंगल में समाधि लेने का निर्णय लिया. जिस समय बाबा ने वहां समाधि ली, उस समय तक वहां गांव नहीं बसा था. वहां केवल घना जंगल था इसलिए बाद के इस मंदिर का नाम बनी वाला मंदिर पड़ गया.
फागुन में लगता है मेला.
वर्तमान समय में इस मंदिर में गौशाला भी बन चुकी है. जिसमें लगभग 2000 गाय की सेवा की जाती है. बाबा को गाय के कच्चे दूध का भोग लगाया जाता है. मंदिर में दिन प्रतिदिन भंडारे होते हैं और सुबह शाम दोनों पहर आरती भी की जाती है. फागुन मास की अमावस्या को यहां वार्षिक मेला लगता है. मेला देखने के लिए यहां दूर – दूर से लोग आते हैं. आसपास के 112 गांव इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. बताया जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना बाबा पूर्ण करते हैं.