पंचकूला के इस मंदिर में पांडवो ने वनवास में डाला था डेरा, आज भी पूरी रौनक से महकता है 5000 साल से पुराना भीमा देवी मन्दिर
पंचकूला :– जैसा कि आपको पता है कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था. यही भगवान श्री कृष्ण की तरफ से अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया गया था. भले ही युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ हो, परंतु महाभारत और पांडवों से जुड़े कई मंदिर और प्राचीन स्थल Haryana के कई अन्य जिलों के साथ-साथ देश के दूसरे राज्यों में भी मिलते है. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देंगे, जो हरियाणा के पंचकुला में स्थित है.
इस जिले में स्थित है 5000 साल से पुराना मंदिर
पिंजौर में स्थित माता भीमा देवी का मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना बताया जाता है. मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान यहीं पर एक लम्बा समय बिताया था. पुरातत्व विभाग ने 1974 में खुदाई के दौरान इस मंदिर को खोजा था. इस मंदिर से जुड़े हजारों साल पुराने हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति और कई प्रकार की कलाकृतियों के अवशेष आज भी सुरक्षित है.
1 साल पांडवों ने यहां पर काटा था बनवास
सरकार की तरफ से इस मंदिर की देखरेख का कार्य हेरिटेज विभाग को सौंप दिया गया है. अब सभी लोग इस ऐतिहासिक मंदिर को म्यूजियम के रूप में देख रहे हैं. जिसमें 5000 साल से भी ज्यादा पुरानी मूर्तियां रखी हुई है. पंचकूला के पिंजोर में मौजूद ऐतिहासिक भीमा देवी मंदिर में वनवास के दौरान पांडवों ने करीब 1 साल बिताया था. जब भारत पर मुगलों का शासन था, उस दौरान भारत के कई मंदिरों पर हमले भी हुए थे. उनमें पिंजोर का भीमा देवी मंदिर भी शामिल था.
मंदिर के इतिहास से जुड़ी हुई है काफी कहानियां
वही औरंगजेब के सौतेले भाई ने मुगलों से हिंदू मंदिरों को बचाने के लिए यहां पर पिंजोर गार्डन का निर्माण करवाया था. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं. मंदिर के इतिहास से जुड़ी हुई कुछ बातें तो लोगों को काफी हैरानी में डाल देती है. ऐसा भी माना जाता है कि ऋषियों को असुरों से बचाने के लिए भीमा देवी मां ने जन्म लिया था, उसके बाद से मां जगदंबा का ही एक रूप भीमा देवी को माना जाता है.