Panipat News: पानीपत की 4 बहनों ने समाज की सोच को दिखाया आईना, सेलिब्रेट की माता- पिता की 50वीं एनिवर्सरी
पानीपत, Panipat News :- प्राचीन समय से ही हमारे समाज में बेटियों को हीन दृष्टि से देखा जाता है. बेटियों के जन्म पर घर में मायूसी का माहौल छा जाता है. इतना ही नहीं बेटियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जाता है, बात-बात पर बेटियों पर रोक-टोक लगाई जाती है. आज हम आपको ऐसी बेटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कामयाबी के शिखर को छूकर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया.
एक ही घर में जन्मी चार बेटियां
पानीपत के एक ही परिवार में जन्मी चार बेटियां बेटो से बढ़कर अपने मां-बाप को प्यार करती है. इतना ही नहीं चारों बेटियां अपने माता-पिता का दिल से सम्मान भी करती है. चारों बेटियों ने माता-पिता की 50वीं वर्षगांठ बड़ी धूमधाम से मनाई. इस कार्यक्रम में न केवल Family के सदस्य ही शामिल थे, बल्कि उनके परिचित और रिश्तेदार भी इसमें शामिल हुए. उन्होंने इस कार्यक्रम में समाज को संदेश दिया की बेटियां बेटों से कहीं अधिक माता-पिता के प्रति समर्पण भाव रखती है, इसलिए बेटियों को बेटों से कम नहीं समझना चाहिए.
PM ने दिया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा
समाज की घृणित सोच के कारण लिंगानुपात गिरता जा रहा है. यदि ऐसा ही चला रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बेटों के लिए दुल्हन मिलनी बंद हो जाएगी. देश के PM नरेंद्र मोदी भी बेटियों को बचाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रहे हैं. हरियाणा के पानीपत की धरती से वर्ष 2015 में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा देकर समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया था. पानीपत के गांव नरहर निवासी नारायणदास श्वेता, मंजू, साविका और शैलजा 4 बेटियों के पिता है.
सौभाग्य से मिलती है बेटियां
नारायणदास का मानना है कि अगर बेटे भाग्य से मिलते हैं तो बेटियां लाख पुण्य के बाद सौभाग्य से मिलती हैं. नारायणदास ने बताया कि जब उनकी चौथी बेटी पैदा हुई तो वह काफी निराश हो गया था, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे समझाया कि बेटियों को पढ़ा लिखाकर उन्हें अच्छी परवरिश दे. नारायणदास की चारों बेटिया Post ग्रेजुएट और एमफिल पास है. इतना ही नहीं चारों बेटियों की शादी भी हो चुकी है. चारों दामाद नारायणदास का सम्मान करते है.