दिल्ली मेट्रो में एक साल में करोड़ों का सामान भूल गए लोग, 40 लाख कैश, 89 लैपटॉप और 193 मोबाइल
नई दिल्ली :- दिल्ली मेट्रो में बीते साल कई यात्री अपना सामान भूल गए। जो सामान लोग छोड़कर गए उसमें 40 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी, 89 लैपटॉप, 193 मोबाइल और 9 मंगलसूत्र बरामद किए गए। यह सामान एक्स-रे स्कैनर के पास या मेट्रो परिसर में छूट गया था। सीआईएसएफ ने ये सामान बरामद किए और फिर उनके मालिकों का सत्यापन करने के बाद उन्हें वापस कर दिया गया। मेट्रो की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने आत्महत्या के प्रयास, कारतूस बरामद करने और गुमशुदा बच्चों को मिलाने जैसे मामलों को भी संभाला।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। 2024 में, उन्होंने यात्रियों के छोड़े गए सामान से 40.74 लाख रुपये नकद बरामद किए। इसके अलावा, 89 लैपटॉप, 40 घड़ियां और 193 मोबाइल फोन भी मिले। सीआईएसएफ को न सिर्फ नकदी और इलेक्ट्रॉनिक सामान मिले, बल्कि गहने भी मिले। इनमें 13 जोड़ी पायल, अंगूठियां और चूड़ियां शामिल थीं। 9 मंगलसूत्र भी बरामद हुए। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर, सऊदी रियाल जैसी विदेशी मुद्रा भी मिली, जिन्हें उनके मालिकों को वापस कर दिया गया। दिल्ली मेट्रो में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। सीआईएसएफ ने 2024 में 59 आत्महत्या के प्रयास दर्ज किए। इनमें से 23 लोगों की मौत हो गई, 3 को बचा लिया गया और 33 घायल हुए। सुरक्षा जांच के दौरान, सीआईएसएफ ने 75 कारतूस और 7 दूसरे हथियार भी बरामद किए।
सीआईएसएफ ने 262 अकेले यात्रा करने वाले बच्चों को बरामद किया, फिर उनके माता-पिता या चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपा। 671 परेशान महिला यात्रियों को भी मदद दी गई। यह दर्शाता है कि सीआईएसएफ सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि मानवीय सहायता भी प्रदान करती है। दिल्ली मेट्रो 250 से ज्यादा स्टेशनों और 350 किमी से ज्यादा लंबे रेल ट्रैक पर चलती है। इस विशाल नेटवर्क की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के 13,000 जवान तैनात हैं।
सीआईएसएफ जवान हर रोज लाखों यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, जो दिल्ली और आसपास के शहरों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद से आते-जाते हैं। ये यात्रियों की मदद भी करते हैं। गुम हुए सामान को वापस दिलाना, बच्चों को उनके परिवार से मिलाना और जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करना भी ये बखूबी निभाते हैं।