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PhonePe, Google Pay और Paytm प्रयोग करने वालों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, अब ऑनलाइन पेमेंट पर लगेगा चार्ज

नई दिल्ली :- ऑनलाइन या यूं कहें कि यूपीआई पेमेंट हमेशा से मुफ्त रहा है। मतलब अगर आप यूपीआई पेमेंट ऐप जैसे फोनपे, गूगलपे और पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको कोई चार्ज नहीं देना होगा। यह सर्विस अभी तक पूरी तरह से फ्री है। हालांकि समय-सयम पर यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने की मांग होती रही है। लेकिन सरकार ने ऐसी सभी तरह की मांग को दरकिनार कर दिया था। लेकिन फोनपे, पेटीएम और गूगलपे जैसे पेमेंट ऐप यूजर्स से सुविधा शुल्क के नाम पर कुछ चार्ज वसूलते हैं।
Phone Pe

​सरकार ने नहीं दिया कोई बयान

मतलब अगर आप गूगल पे से मोबाइल रिचार्ज करते हैं, तो आपको एक्सट्रा पैसे देने होते हैं। लेकिन ऑनलाइन पेमेंट से मनी ट्रांसफर करने पर कोई एक्स्ट्रा पैसा नहीं देना होता है। लेकिन अब एक बार फिर से ऑनलाइन पेमेंट पर एक्स्ट्रा चार्ज लगाने की मांग उठा है। यह मांग प्रधानमंत्री मोदी तक जा पहुंचा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूपीआई पेमेंट ऐप जैसे फोनपे, गूगल पे और पेटीएम से पैसे लेनदेन पर चार्ज देना होगा? हालांकि इस मामले में सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। दरअसल पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया यानी PCI की तरफ से पीएम मोदी को एक पत्र लिखा गया है। इस काउंसिल में करीब 180 नॉन बैंकिंग पेमेंट इंडस्ट्री के प्लेयर शामिल हैं। पीएम मोदी को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि यूपीआई पेमेंट और रूपे डेबिट कार्ड लेनदेन पर लागू जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी MDR में पुनर्विचार करना चाहिए। कुल मिलाकर पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि सरकार को दखल देकर ऑनलाइन पेमेंट पर चार्ज लगाना चाहिए।

पीसीआई के फॉर्मल लेटर में हाइलाइट में ऐसी सभी चिंताओं के बारे में जानकारी दी गई है। इस लेटर में कहा गया है कि सरकार को डिजिटल पेमेटं इकोसिस्टम की मौजूदा जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, जो कि जीरो एमडीआर पॉलिसी की वजह से काफी दबाव का सामना कर रही है। इस पॉलिसी को जनवरी 2020 में लागू किया गया था। पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की तरफ से डिजिटल पमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास की तरीफ की। हालांकि PCI का मानना है कि यूपीआई पेमेंट और रूपे डेबिट पेमेंट पर जीरो एमडीआर पॉलिसी लागू करने के लिए सरकार 1,500 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता देती है, जो कि अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत से काफी कम है। ऐसे में जीरो एमडीआर चार्ज में बदलाव की जरूरत का जिक्र किया गया है।

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इस चुनौती से निपटने के लिए PCI ने सभी कारोबारियों के लिए रूपे डेबिट कार्ड पर MDR लागू करने और बड़े कारोबारियों की ओर से यूपीआई लेनदेन पर 0.3 फीसद MDR शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। मौजूदा वक्त में अन्य डिजिटल पेमेंट जैसे क्रेडिट कार्ड पर करीब 2 फीसद और गैर-रूपे डेबिट कार्ड पर करीब 0.9 फीसद की दर से MDR चार्ज लगाया जाता है। PCI का मानना है कि यूपीआई पेमेंट में कोई दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि कारोबारी पहले से MDR के आदी हैं। PCI ने मामले में पीएम मोदी से दखल देने की मांग की है। ऐसा दावा किया गया है कि भारत में करीब 6 करोड़ व्यापारी डिजिटल पेमेंट स्वीकारते हैं। इसमें से 90 फीसद को भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने छोटे व्यापारी माना है, जिनका सालाना कारोबार 20 लाख रुपये या उससे कम है। वही करीब 50 लाख कारोबारी बड़ी कैटेगरी में आते हैं।

Rohit

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