Pre Gaganyaan Mission: चंद्रयान मिशन में सफलता मिलने के बाद ISRO की बड़ी तैयारी, सिर्फ डेढ़ महीने बाद लॉन्च करेगा सबसे बड़ा स्पेस मिशन
नई दिल्ली :- 14 जुलाई 2023 को ISRO ने चंद्रयान-3 को लांच किया था, जोकि 23 अगस्त 2023 को शाम के समय सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर चुका है. ISRO को मिली इस बड़ी सफलता पर पूरे देश को गर्व है. चंद्रयान-3 के बाद अब एक बार फिर से ISRO एक बड़ा मिशन लॉन्च करने वाला है. इसकी लॉन्चिंग करीब एक से डेढ़ महीने में हो सकती है. ISRO के इस मिशन का नाम Gaganyaan Mission है.
ISRO करेगा Gaganyaan Mission की लॉन्चिंग
Gaganyaan Mission के लॉन्चिंग में सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें मानवरहित यान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इस मिशन में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड भी शामिल है. वर्ष 2024 के शुरुआती महीने में गगनयान के माध्यम से व्योममित्र रोबोट को भेजा जाएगा. 24 January 2020 को ISRO नें व्योममित्र महिला रोबोट को ह्यूमेनॉयड को पेश किया था. इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य देश के पहले मानव मिशन गगनयान के क्रू मॉड्यूल में भेजकर अंतरिक्ष में इसानी शरीर की हरकतों को समझना है.
लगातार भेजे जाएंगे 2 मानवरहित मिशन
यह रोबोट गगनयान के क्रू- मॉड्यूल में लगे रीडिंग पैनल को पढ़ने का कार्य करेगा. साथ ही ग्राउंड स्टेशन पर मौजूद वैज्ञानिकों से भी बातचीत करता रहेगा. इस मानवरहित मिशन के बाद दूसरा मानवरहित मिशन भी Launch किया जाएगा और तीसरी लॉन्चिंग में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष की यात्रा के लिए भेजा जाएगा. इसके अलावा हुमन स्पेस Flight मिशन के तहत गगनयान को एक या तीन दिन के लिए धरती के चारों तरफ चक्कर लगाने के लिए लांच किया जाएगा. गगनयान के क्रू मॉड्यूल को धरती से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लोअर अर्थ आर्बिट में चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा.
चार पायलटो ने पूरी कर ली ट्रेनिंग
इस मिशन पर भारतीय वायुसेना के 2 या 3 काबिल पायलटो को भेजा जाएगा. पहले इसका परीक्षण होगा उसके बाद अगले साल लॉन्चिंग की जा सकती है. गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के 4 पायलटो ने रूस में अपनी Training पूरी कर ली है. अब इन्हें मास्को के नजदीक जिओजानी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग Centre में एस्ट्रोनॉट बनने का प्रशिक्षण दिया गया था. गैंगरीन कॉस्मोनोट्स ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय वायुसेना पायलटो की ट्रेनिंग पूरी हुई थी. फिलहाल इन्हें बेंगलुरु में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. अगले वर्ष की शुरुआत में इस Mission को लॉन्च किया जा सकता है.