Ram Rahim News: फिर जेल से बाहर आ सकता है राम रहीम, 16वीं चिट्ठी में लिखा- रूबरू हाेने की है तड़प
सिरसा :- डेरा प्रमुख गुरमीत Ram Rahim इन दिनों रोहतक की सुनारिया जेल में पत्रकार हत्या और रेप मामले में सजा काट रहा है. आए दिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को लेकर खबरें आती रहती हैं. Sunday को हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित डेरा सच्चा सौदा में मासिक सत्संग का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डेरा प्रमुख राम रहीम ने Jail से चिट्ठी लिखकर भेजी. सत्संग के दौरान इस चिट्ठी को पढ़कर अनुयायियों को सुनाया गया. चिट्ठी को सुनकर वहां मौजूद संगत की आंखें नम हो गई.
डेरा प्रमुख ने भेजी चिठ्ठी
डेरा प्रमुख राम रहीम ने Sunday को मासिक सत्संग के दौरान 16वीं चिट्ठी लिखकर भेजी. जिसे अनुयायियों को पढ़कर सुनाया गया. इस चिट्ठी में डेरा प्रमुख ने Jail से बाहर आने का भी संकेत दिया. इस चिट्ठी में डेरा प्रमुख ने संगत को सत्संग और भंडारे की बधाईयां दी. चिट्ठी की अंतिम लाइन में राम रहीम ने लिखा कि वह अनुयायियों से रूबरू होने के लिए तड़प रहा है, यह लाइन सुनते ही सत्संग हॉल में बैठी हनीप्रीत सहित सारी संगत भावुक हो गई, इतना ही नहीं उनकी मुख्य शिष्या हनीप्रीत की आंखों से आंसू तक निकल आए वह चिट्ठी में लिखी बातें सुनकर काफी भावुक हो गई.
संगत को सत्संग के लिए दी बधाई
डेरा प्रमुख ने संगत को सत्संग की बधाई देते हुए लिखा कि आप सब सुमिरन, अखंड सुमिरन और नामचर्चा में हिस्सा लिया करो. आप दुनिया में कोई भी Business या व्यापार करते हैं, तो किस वजह से करते हैं, अपने शरीर के लिए और अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए करते हैं. हां सत्संगी वो है जो परहित परमार्थ करते हैं. दुनिया में शरीर तो औलाद के लिए ही बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि आज बच्चों के अंदर माता-पिता के लिए प्यार कम होता जा रहा है वहीं मनुष्य बुरे कर्म करता रहता है. यह सारे कर्म करते हुए उन्हें लगता है कि उनके जीवन जीने का उद्देश्य पूरा हो रहा है, परंतु Reality में ऐसा नहीं है.
सत्संग के दौरान चलाई गई डॉक्यूमेंट्री
सत्संग के दौरान एक डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई. सत्संग समाप्त होने के बाद सत्संग सुनने आई सभी संगत को लंगर भोजन करवाया गया. इस दौरान फूड बैंक मुहिम के तहत 75 जरूरतमंदो को राशन वितरित किया गया वहीं Cloth बैंक मुहिम के तहत 75 जरूरतमंद बच्चों को कपड़े बांटे गए. साथ ही पक्षी उधार मुहिम के तहत करीब 175 सकोरे दिए गए. सत्संग के दौरान विभिन्न जिलों से संगत आई हुई थी. संगत ने पूरा सत्संग ध्यान से सुना और पूरी डॉक्यूमेंट्री भी देखी.