नई दिल्ली

RBI ने फिक्स की घर में कैश रखने की लिमिट, अब इससे जायदा पैसे रखने पर होगी कार्यवाही

नई दिल्ली:- वर्तमान समय में, भारत में नकदी रखने के नियमों (how much cash is legal at home) और आयकर कानूनों के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर क्योंकि डिजिटल भुगतान का चलन बढ़ता जा रहा है। हम अक्सर सुनते हैं कि इनकम टैक्स विभाग ने किसी व्यक्ति के घर या कार्यालय पर छापेमारी करके बहुत सी नकदी, सोना, चांदी या महंगी वस्तुएं बरामद कीं। इन मामलों में नकदी अक्सर सीज़ कर दी जाती है और व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। सवाल यह उठता है कि एक आम नागरिक अपने घर में कितना धन रख सकता है और क्या कोई कानूनी सीमा है?

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क्या घर में पैसे रखना कानूनन अनुचित है?

टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में नकद की सीमा का कोई कानून नहीं है। इन्कम टैक्स कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो आपके घर में कितनी नकदी रखने की अनुमति देता है। इसका मतलब यह है कि आप अपने घर में हर तरह की नकदी रख सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि वह आय कानूनन मान्य होनी चाहिए। अगर नकद का स्रोत कानूनी और वैध है, तो उसे रखने में कोई कानूनी बाधा नहीं होगी।

यद्यपि, जब आप धन रखते हैं, तो आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स में उचित रूप से बताना चाहिए। इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों को शक हो सकता है और आपसे स्पष्टीकरण मांग सकते हैं अगर यह नकदी आपकी आय के स्रोत के अनुरूप नहीं है।

बेहिसाब नकदी के मामले में अधिनियम

टैक्स एक्ट के सेक्शन 68 से लेकर 69बी में कहा गया है कि अधिकारी किसी व्यक्ति से बेहिसाब संपत्ति के स्रोत के बारे में पूछ सकते हैं। यदि आप इस नकदी का पर्याप्त विवरण नहीं दे पाते, तो इसे आपकी अघोषित आय मान लिया जाएगा, जिस पर टैक्स और जुर्माना लग सकते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस अघोषित आय पर कर की दर (जिसमें पेनल्टी भी शामिल होगी) लगभग ७८ प्रतिशत हो सकती है।

इसका अर्थ है कि अगर किसी व्यक्ति के पास बहुत सारे पैसे हैं और वे अपनी आय के स्रोत से मेल नहीं खा सकते, तो उसे इनकम टैक्स विभाग को एक विस्तृत विवरण देना होगा। यदि ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे उस नकदी पर भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है और शायद नकदी जब्त भी हो जाए।

व्यक्तिगत और व्यावसायिक मुद्दों में नकदी रखने के नियम

व्यापारिक मामलों में घर पर नकदी रखने पर अधिक नियम लागू होते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं और आपके पास बहुत सारे पैसे हैं, तो यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके बैंक खातों में दर्ज राशि और आपके कैश बुक में दर्ज राशि में अंतर हो। इसका अर्थ है कि आपके पास मौजूद धन का विवरण आपके वित्तीय रिकॉर्ड में होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता, तो आयकर विभाग आपसे धन के स्रोत की जानकारी मांग सकता है।

व्यवसाय से बाहर के मामलों में भी नकदी का स्रोत बताना आवश्यक है। यदि आप किसी अन्य स्रोत से पैसे प्राप्त करते हैं, जैसे उपहार, तो भी इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। भारत में एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की नकदी उपहार देने पर भी प्रतिबंध है। यदि आप इस सीमा से अधिक पैसे उपहार के रूप में लेते हैं, तो आप इनकम टैक्स नियमों का उल्लंघन करेंगे और आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

नकदी व्यापार और कर कानून

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और इनकम टैक्स विभाग ने नकदी लेन-देन को सीमित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि नकदी लेन-देन कर चोरी और काले धन के मामलों में आम है। इसलिए सरकार ने बहुत कुछ किया है ताकि लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ें और अधिक पारदर्शी हों।

Rohit

प्रिय पाठको मेरा नाम रोहित कुमार है. मैं खबरी एक्सप्रेस का फाउंडर हूँ. वेबसाइट पर कार्य मेरी देख रेख में ही किये जाते है. यदि आपको हमारी वेबसाइट के किसी कंटेंट से कोई समस्या है. तो आप मुझे [email protected] पर मेल कर सकते है

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