नई दिल्ली :- भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जुड़ा एक एक नया मामला सामने आया है. दरअसल 500 रुपए के कुछ नोट गायब हो गए हैं, किसी भी को भी नहीं पता कि रहस्यमयी से गायब हुए यह नोट कहां है. दरअसल टकसाल में छपने वाली नोटों की संख्या कुछ और थी और आरबीआई को मिलने वाले नोटों की संख्या कुछ और है. ऐसे में बचे हुए नोट कहां गए इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
गायब हुए 500 के नोट
1999- 2010 के बीच लॉकर्स में जमा किए गए एडिशनल 339.95 मिलियन करेंसी नोटों से RBI को परेशानी थी, जो सरकारी सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेसों के Output से ज्यादा थी. आपको बता दे कि टकसालों ने 500 रुपये के 8,810.65 मिलियन नए नोट Design किए, लेकिन आरबीआई को केवल 7,260 मिलियन के नोट ही मिलेगा. जो नोट नहीं मिले उनकी कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है. किसी को नहीं पता है कि रहस्यमय ढंग से गायब हुए 1,760.65 मिलियन 500 रुपये के नोट कहां है, जिसमें अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक नासिक मिंट में मुद्रित 210 मिलियन नोट भी हैं.
RBI को मिले मात्र 7,260 मिलियन 500 के नोट
भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने भी गायब हुए नोटों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है. भारत अधिकृत नोट तीन सरकारी मिंटों – भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस, नासिक, और बैंक नोट प्रेस, देवास में मुद्रित किए जाते है और उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक वॉल्ट में भेजता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे वितरित करने के लिए होते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, ने 2016-2017 में भारतीय रिजर्व बैंक को 5,195.65 मिलियन रुपये के 500 के नोट मुद्रीत किये थे और बैंक नोट प्रेस, देवास, ने 1,953 मिलियन रुपये के 500 नोट आपूर्ति की थी, लेकिन RBI को तीन मिंटों से मात्र 7,260 मिलियन नए डिजाइन वाले 500 रुपये के नोट ही मिले हैं.
1,760.65 मिलियन नोट गायब होना कोई छोटी बात नहीं
तीनो मिंटों ने कुल मिलाकर 8,810.65 मिलियन नए डिजाइन वाले 500 रुपये के नोट मुद्रित किए थे, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक तक सिर्फ 7,260 मिलियन नोट ही प्राप्त हुए. रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था में होने वाले इस बड़ी असंगति के बारे में कुछ भी नहीं कह रहा है, मिंटों में मुद्रित उच्च-मूल्य भारतीय मुद्रा नोटों की संख्या और रिजर्व बैंक वॉल्ट में मिलने वाली कुल संख्या में इतना बड़ा अंतर है. 1,760.65 मिलियन नोट गायब होना कोई छोटी बात नहीं है. RTI कार्यकर्ता ने इस बारे में केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और ED को लिखा है.उन्होंने केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो और एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को तीन मिंटों में मुद्रित करोड़ों में उच्च मूल्य की मुद्रा नोटों में Irregularities की जांच करने के लिए लिखा है.
नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप
RBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने असंगति से इंकार किया है मगर यह सोचने की बात है कि नोटों को रिजर्व बैंक वॉल्ट में पहुंचने में इतना वक़्त लग रहा है. विपक्ष पार्टी के नेता अजित पवार की तरफ से करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में हजारों करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है. 2016 में नोट फैक्ट्रियों में 88 हजार करोड़ के नोट छपे. हालांकि अजित पवार का आरोप है कि यह सरकार के खजाने में नहीं आया है. उनकी मांग है कि आरबीआई को इस बारे में सफाई देनी चाहिए.