फतेहाबाद में कर्ण कोट टीले से मिले गुप्त काल में प्रयोग होने वाले पत्थर के ब्लॉक, तोप के गोलों के अवशेष भी मिले
फतेहाबाद :- जैसा कि आपको पता है कि हरियाणा के फतेहाबाद जिले से पौराणिक महत्व की कई वस्तुएं मिल चुकी है. अब एक बार फिर से फतेहाबाद के भुना खंड के गांव भट्टू में कर्ण कोट किले से गुप्त काल के दौरान इमारत निर्माण को लेकर प्रयोग होने वाले पत्थर के ब्लॉक मिले हैं. आप देख सकते हैं कि इन पत्थरों पर नकाशी भी की हुई है, जो उस समय के खास कारीगरों की नकाशी कला को दर्शाती है.
खुदाई के दौरान मिली कई ऐतिहासिक वस्तुए
वहीं अब खुदाई के दौरान आंग्ल सिख युद्ध के दौरान प्रयोग किए गए तोपों के गोलों के अवशेष भी मिले हैं. यहां पर गुप्त काल से लेकर हड़प्पा व कई युद्ध के अवशेष भी लगातार मिलते रहते हैं. इस टीले को हाल ही में पुरातत्व विभाग की तरफ से अपने अंडर में भी ले लिया गया है और इसकी निगरानी के लिए यहां पर गार्ड भी तैनात कर दिया गया है. इस टीले में जांच का कार्य पुरातत्व विभाग ने अजय कुमार को सौंप दिया है. शोधार्थी व सेफ्टी इंजीनियर अजय कुमार की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि शुक्रवार को टीले पर कुछ नए अवशेषों की जांच कर रहे थे, इसी दौरान उनको एक पत्थर का ब्लॉक भी मिला. जों इमारतों को बनाने के लिए प्रयोग किया गया था.
सच में शोध का विषय है नकाशी किए हुए ये पत्थर
यह पत्थर अरावली की पहाड़ियों का है और इसे जिस प्रकार से तराशा गया है, वह आज की मशीनों के बस की बात नहीं है. उस समय यह तकनीक कैसे ईजाद हुई, यह काफी मायने रखता है. उस समय में भी कारीगर इतने निपुण थे कि आज की नक्काशी की मशीनों को भी वह काफी आसानी से फेल कर देते थे. यह शोध करने का विषय है कि कैसे कारीगरों की तरफ से इन नकाशियों को अंजाम दिया जाता था. साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह पत्थर दिखने में लाल रंग का है, परंतु अगर हम इसे धूप में रख देते हैं तो यह अपना रंग परिवर्तन कर लेता है और इसका रंग लाल से बैंगनी हो जाता है.