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Rice Export Ban: भारत ने चावल के एक्सपोर्ट पर लगाया बैन, दुनिया के इन बड़े देशों में मचा हाहाकार

नई दिल्ली, Rice Export Ban :- समय के साथ- साथ Rice का उपयोग बढ़ता जा रहा है. घर परिवार में किसी भी Function के अवसर पर चावल अवश्य पकाएं जाते है. भारत में अधिकतर लोग चावल खाना पसंद करते हैं. जिस वजह से भारत में सबसे अधिक Rice की बिक्री होती है. अधिकतर लोग गैर बासमती चावल खरीदते हैं क्योंकि गैर बासमती चावल की कीमत कम होती है, जबकि बासमती चावल की कीमत बहुत अधिक होती है, जिससे यह आम नागरिकों की खरीद से बाहर होती है.

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mandi gehu

चावल के निर्यात पर लगी रोक

घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है, जिस वजह से अमेरिका में Rice की मांग अधिक बढ़ गई है. चावल खरीदने के लिए लोग Duty से छुट्टी लेकर दुकानों पर पहुंच रहे है. भारत में सबसे अधिक बासमती चावल की पैदावार होती है. गैर बासमती चावल सस्ते होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के लोग इन्हे ज्यादा खरीदते है.

चावल की कीमत पहुंची सातवें आसमान पर 

अमेरिका में चावल की मांग बढ़ने के कारण चावल की कीमते सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं. अमेरिका में मांग बढ़ने का फायदा भारत में रहने वाले लोगों को मिलेगा. गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगने से पिछड़े इलाकों और आर्थिक रुप से कमजोर के लोगों को आने वाले दिनों में गैर बासमती चावल सस्ती कीमतों पर मिल पाएगा.

शादी विवाह में अधिकतर बासमती चावल का होता है यूज़ 

चावल की मांग वैसे तो पूरे वर्ष ही रहती है, मगर फिर भी अमेरिका में गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगने से भारत के सभी लोगों तक बासमती चावल की पहुंच हो पाएंगी. शादी- विवाह या किसी फंक्शन में अधिकतर बासमती चावल का ही उपयोग किया जाता है. बासमती चावल खाने में हल्के और टेस्टी होते हैं, इसलिए हर कोई बासमती Rice खरीदना तो चाहता है, परंतु अधिक महंगे होने के कारण यह लोगों की खरीद से बाहर है.

 

Mukesh Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश कुमार है मैं खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर के रूप में जुड़ा हूँ मेरा लक्ष्य आप सभी को हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से जुडी खबर सबसे पहले पहुंचना है

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