Rice Prices: जल्द खाने की थाली से गायब हो सकते है चावल, ये है दाम बढ़ने का मुख्य कारण
नई दिल्ली, Rice Prices :- भारत में चावल खाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में चावल का शौक रखने वालों के लिए चावल से संबंधित एक बड़ी Update सामने आ रही है. दरअसल आपको बता दें कि वैश्विक महंगाई के चलते चावल के भाव में भी बढ़ोतरी हो सकती है. फिलहाल वैश्विक चावल की कीमतों में पिछले 11 सालों का सबसे ऊंचा स्तर देखने को मिल रहा है और अब भारत में भी चावल के दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
भारत के Export Shipment में हो सकती है कमी
अल नीनो प्रभाव के चलते चावल के प्रमुख उत्पादकों के सामने कम उत्पादन का संकट खड़ा हो गया है. इसके चलते गरीब एशियाई और अफ्रीकी देशों में चावल के दामों में वृद्धि होने की संभावना बन रही है. भारत की दुनिया के चावल उत्पादन में 40 फीसदी हिस्सेदारी है और साल 2022 में भारत का चावल Export 5.6 करोड़ टन था. फिलहाल भारत में चावल का उत्पादन कम होने की वजह से इसके निर्यात शिपमेंट्स में कमी हो सकती है. इस कारण चावल के रिटेल और थोक दाम में बढ़ोतरी हो सकती है.
एशिया में होता है लगभग 90 फ़ीसदी चावल उत्पादन
एक Report के अनुसार राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बी वी कृष्णा राव ने कहा है कि भारत पिछले वर्ष तक चावल का सबसे सस्ता Producer देश था. अब चूंकि देश में नए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) आ चुके हैं तो भारतीय कीमतें बढ़ने का प्रभाव अन्य चावल Suppliers पर भी दिख रहा है जिससे कीमतें बढ़ रही है. एशिया में 3 अरब लोग चावल खाते हैं और ये पानी आधारित फसल है जिसका एशिया में लगभग 90 फीसदी उत्पादन किया जाता है. इस साल अल- नीनो पैटर्स के चलते कम बरसात का खतरा है जो कि चावल जैसी पानी आधारित फसल के लिए ठीक नहीं है.
सभी देशों पर होगा अलनीनो का प्रभाव
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) ने चावल उत्पादन करने वाले सभी टॉप के छह देशों- बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, थाइलैंड और वियतनाम के Record चावल उत्पादन करने का अनुमान जारी किया था. चावल कारोबारियों का कहना है कि अल-नीनो Impact किसी एक देश तक सीमित नहीं रहेगा और लगभग सभी चावल उत्पादक देशों के उत्पादन पर इसका प्रभाव पड़ेगा. भारत से निर्यात होने वाले चावल <RI-INBKN5-P1> के दाम 9 फीसदी उछाल के साथ 5 साल के उच्च स्तर पर पहुंच चुके हैं. इसकी मुख्य वजह केंद्र सरकार द्वारा नए Season के सामान्य चावल के लिए किसानों को 7 फीसदी दाम बढ़ाकर देने का निर्देश जारी करना है.