Sarso Oil News: सरसों तेल पर बैन से आम जनता में हड़कंप, इस्तेमाल करने से पहले जरूर पढ़े
नई दिल्ली, Sarso Oil News :- देश के हर रसोईघर में धड़ल्ले से इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल अब बैन कर दिया गया है। अब तक अनेक लोग इसे भोजन (Mustard oil cooking use) के अलावा और भी कई कार्यों में उपयोग करते रहे हैं। बैन किए जाने के बाद सरसों तेल से होने वाले नुकसान पर भी चर्चाएं होने लगी हैं। अब सरसों के तेल को खाने के लायक सही नहीं समझा जाता और इसके अतिरिक्त और भी कई कारण हैं, जिनकी वजह से सरसों के तेल को बैन किया गया है। हर रोज सरसों के तेल को इस्तेमाल करने वालों के लिए इसके बैन (sarso tel ban) होने के सभी कारणों को जान लेना बेहद जरूरी है
कहां-कहां बैन है सरसों का तेल
लंबे समय से सरसों का तेल घरेलू रसोई का हिस्सा रहा है, जो सेहत के लिए फायदेमंद (benefits of mustard oil) माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। भारतीय घरों में यह तेल आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है और न सिर्फ भारत बल्कि अन्य देशों में भी यह खूब यूज होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विकसित देशों में यह तेल प्रतिबंधित है? खासकर अमेरिका और यूरोप में, जहां इसके उपयोग पर पाबंदी (ban on musturd oil) है, हालांकि अन्य देशों में यह आम है।
बैन के बाद भी बिकता है सरसों का तेल
बैन होने के बावजूद अमेरिका और अन्य देशों में सरसों का तेल (mustard oil ban in america) आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसका उपयोग खाने के लिए नहीं किया जा सकता। इन देशों में तेल की बोतल या डिब्बे पर यह लिखा होता है कि ‘फॉर एक्सटर्नल यूज ओनली’ (mustard oil external uses) यानी की यह सिर्फ बाहरी उपयोग के लिए है। इसका मतलब है कि इसे शरीर के कुछ हिस्सों, जैसे हाथ, पैर, या सिर पर लगाया जा सकता है, लेकिन इसे पकाने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस प्रकार, सरसों के तेल का खाद्य तेल (edible oil) के रूप में उपयोग इन देशों में प्रतिबंधित है।
अधिक यूज से सेहत पर पड़ता है नकारात्मक असर
यह सुनकर आप हैरान होंगे कि सरसों का तेल बैन (why musturd oil ban) है, लेकिन ऐसा केवल कुछ देशों में होता है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी शामिल हैं, जहां खाना पकाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ऐसा क्यों होता है? आखिरकार, इन देशों में इसे खाने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता। कई लोग इस तेल के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर चिंतित हैं,
जिससे इसके उपयोग पर पाबंदी (ban on musturd oil use) लगाई गई है। इन देशों में दूसरे तेलों का चयन किया जाता है, जो सेहत के लिहाज से बेहतर माने जाते हैं। सरसों के तेल में एक विशेष प्रकार का एरूसिक एसिड होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायी है। सरसों के अधिक इस्तेमाल करने से इस एसिड का असर सेहत पर नकारात्मक पड़ता है और इससे कई प्रकार की गंभीर समस्याएं (sarso tel ke nuksan) हो सकती हैं।
क्या कहते हैं हेल्थ रिपोर्ट के आंकड़े
अमेरिका की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने खाने के लिए सरसों के तेल पर प्रतिबंध (Mustard Oil Ban) लगा दिया है। इसका कारण एक विशेष फैटी एसिड है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें एरूसिक एसिड याददाश्त पर बुरा असर डाल सकता है और शरीर में वसा बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इसलिए, अमेरिका में सरसों के तेल (sarso tel me acid) का खाद्य सामग्री के रूप में उपयोग करने से बचने की सलाह दी जाती है।
लोगों पर पड़ेगा बैन होने का यह असर
अमेरिका और यूरोप के अधिकांश देशों में खाना पकाने (sarso cooking oil) के लिए एक अन्य तेल का उपयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी (sarso tel ke fayde) है। इस तेल में कुछ महत्वपूर्ण ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड (fatty acid in mustard oil) होते हैं, जो शरीर के कोलेजन स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इसके अलावा, इसमें एक महत्वपूर्ण विटामिन (mustard oil vitamins) भी पाया जाता है, जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होता है। इस तेल के नियमित उपयोग से स्वास्थ्य में सुधार और सौंदर्य लाभ (benefits of musturd oil) मिल सकते हैं, खासकर त्वचा और बालों में। अब सरसों तेल के बैन होने के बाद लोगों पर असर पड़ेगा कि वे इसके अत्यधिक यूज से बचते हुए इसे सीमित रूप में उपयोग करें।