Sonipat News: सोनीपत के इस मंदिर में विराजमान है 71 फीट ऊँचे भोले बाबा, मंदिर का महाभारत से है ये खास नाता
सोनीपत :- सावन का पावन महीना चल रहा है. इस पवित्र महीने में सभी शिवभक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं. सावन महीना शिव जी को प्रिय है इसीलिए इस महीने में भोलेनाथ की पूजा आराधना करना काफ़ी शुभ होता है. आज हम आपको शिवजी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जहां दूर-दूर से भक्त माथा टेकने पहुंचते हैं. यह मंदिर हरियाणा के Sonipat जिले में स्थित है.
सोनीपत के खरखोदा में स्थित है मंदिर
सोनीपत के खरखौदा में भगवान शिव का एक प्राचीन छपड़ेश्वर मंदिर है. इस मंदिर में भगवान शिव की 71 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. यह मंदिर खरखौदा Bus Stand से लगभग 250 मीटर दूरी पर स्थित है. शहर के किसी भी कोने से वाया Bypass इस मंदिर में आसानी से पहुंच सकते है. छपड़ेश्वर मंदिर का अपना ही एक इतिहास है. कहा जाता है कि महाभारत काल का प्रसिद्ध खांडव वन यहीं स्थित था और भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन यहां पर रुके थे.
सावन के महीने में होती है खास तैयारियां
उन्होंने इस मंदिर में कुबेर के मंदिर का निर्माण किया था और उसके बाद स्नान कर पूजा अर्चना की थी. हालांकि, नज़रअंदाजी की वजह से मंदिर और तालाब के अस्तित्व पर ही संकट आ गया. इसके बाद ब्रह्मलीन महंत श्रीकृष्णदास महाराज ने साल 1991 प्राचीन धरोहर को संरक्षित किया और यहां पर एक विशालकाय गुफा रूपी मंदिर का निर्माण करवाया. जिसके बाद यहाँ रहने वाले निवासीयों में इस प्राचीन धरोहर के साथ आस्था जुड़ती गई. Sawan महीने के शुरू होते ही छपड़ेश्वर मंदिर में खास तौर पर तैयारियां की जाती हैं.
सुबह 4:00 बजे ही शिव जलाभिषेक के लिए लग जाती है लाइन
भक्तों के लिए भी यहां पर ठहराव के विशेष प्रबंध किए जाते हैं. सावन में श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने में कोई समस्या न हो इसके लिए भी मंदिर प्रबंधन Special प्रबंध करता है. Mandir में भजन,कीर्तन, हवन और भंडारे भी आयोजित होते रहते है. इस मंदिर में सावन मे सुबह चार बजे से ही जलाभिषेक के लिए भक्त Line में लग जाते है. यहां पर किसी तरह की कोई अव्यवस्था न हो और पूरी तरह से सुरक्षा रहे इसके लिए भी पूरा ध्यान दिया जाता है.