Sonipat News: सोनीपत का 100 साल पुराना गंज बाजार पड़ा है वीरान, एक एक ग्राहक का इंतजार करते है दुकानदार
सोनीपत :- महाभारत काल में सोनीपत को स्वर्णप्रस्त के नाम से भी जाना जाता था. सोनीपत का इतिहास काफी लंबा एवं पुराना है. अगर आपके सामने एक ऐसी Market की बात की जाए जो पिछले काफी समय से वीरान पड़ी हुई है. तो आपके जहन में एक ही ख्याल आता होगा जब यह वीरान ही है तो बाजार कैसे हुआ. अक्सर देखने में मिलता है बाजारों में काफी भीड़भाड़ वाला वातावरण रहता है, लेकिन इस बाजार में ग्राहक बड़ी मुश्किल से ही देखने को मिलते हैं.
अंग्रेजों के समय से है गंज बाजार
सोनीपत जिले का गंज बाजार काफी पुराना बाजार है जिस समय भारत अंग्रेजों के अधीन था, उस समय इस बाजार में Gold- Silver के आभूषण से लेकर बर्तन तक तैयार किए जाते थे. लेकिन अब वही बाजार है कि यहां पर काम करने वाले मजदूर काफी निराश है. इस Market में विशेष रूप से Gold और चांदी की प्रत्येक वास्तु तैयार की जाती है. इस बाजार का निर्माण 100 साल पहले सोनीपत जिले में हुआ था.
सोने चांदी की बढ़ती कीमतों ने कारीगरों की आमदनी घटाई
देखा जाए तो महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में लोगों की आमदनी तो कम हो ही रही है साथ ही उन्हें घर खर्च चलाने में भी परेशानी होती है. सोने की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिस वजह से आम नागरिक कम ही Gold Silver खरीद रहे हैं. पहले एक समय हुआ करता था जब लोग 10-10 दिन तक आभूषण बनवाने में लगे रहते थे, जिससे दुकानदारों की भी आमदनी अच्छी हो जाती थी.
अलग- अलग कारीगर करते हैं अलग- अलग कार्य
गंज बाजार के प्रधान श्याम का कहना है कि इस Market का निर्माण आज से करीब 100 साल पहले हुआ था. तब भी इस बाजार को गंज Market के नाम से जाना जाता था और आज भी यह इसी नाम से मशहूर है. इस मार्केट में अलग- अलग काम के लिए अलग अलग Special कारीगर है, जो पांव के बिछिया, पायल, सिर का मुकुट और बर्तन बनाने का काम करते हैं. सोने चांदी की कीमत बढ़ने से कारीगरो की आमदनी काफी घट गई है.