सोने की कीमत में जोरदार उछाल जारी, जानिए 2025 के अंत तक क्या होगा 10 ग्राम गोल्ड का भाव
नई दिल्ली :- बीते कुछ समय की मामूली गिरावट के बाद एक बार फिर सोने की कीमतें रफ्तार पकड़ती नजर आ रही हैं। साल 2025 की शुरुआत से ही सोने में लगातार उछाल देखा जा रहा है, और अब यह सिलसिला और तेज़ होता जा रहा है। निवेशकों के बीच सोने को लेकर एक बार फिर भरोसा बढ़ा है, जिसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम?
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चल रही उथल-पुथल इसका प्रमुख कारण मानी जा रही है। खासकर अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापारिक तनाव (टैरिफ वॉर) ने वैश्विक निवेशकों को सतर्क कर दिया है। मंदी की आशंका के बीच निवेशक अब सोने को ‘सेफ हैवन’ मानते हुए अपनी पूंजी उसमें लगा रहे हैं। यही कारण है कि सोने की मांग बढ़ी और साथ ही दाम भी।
6.5% की बढ़त इसी महीने में, सालभर में 23% तक उछाल
2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में लगभग 23% की तेजी दर्ज की गई है। सिर्फ इस महीने की बात करें तो सोना करीब 6.5% तक महंगा हो चुका है। बीते सप्ताह कुछ समय के लिए कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई थी, लेकिन फिर से तेज़ी लौट आई है।
विशेषज्ञों के अनुमान – कीमतें कहां पहुंचेंगी?
सोने के दामों को लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है।
जॉन मिल्स का अनुमान:
प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश विश्लेषक जॉन मिल्स का मानना है कि यह तेजी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगी। उनके मुताबिक, साल के आखिर तक सोने की कीमतें गिरकर ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकती हैं। वे मानते हैं कि जब निवेशक मुनाफा वसूलना शुरू करेंगे, तब बाजार में स्थिरता लौटेगी और सोने की मांग में गिरावट आएगी।
गोल्डमैन की राय:
वहीं दूसरी ओर, वैश्विक निवेश कंपनी गोल्डमैन सैक्स का दृष्टिकोण बिल्कुल अलग है। उनका तर्क है कि मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के कारण केंद्रीय बैंक अधिक मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। इसके अलावा, ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में बढ़ती दिलचस्पी भी सोने की कीमतों को ऊपर खींच रही है। गोल्डमैन के मुताबिक, 2025 के अंत तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3950 प्रति औंस तक जा सकता है।
भारत में यह रेट आसानी से ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम को पार कर सकता है।
क्या करें निवेशक?
अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखते हुए संतुलित निर्णय लेना जरूरी है। यदि कीमतों में गिरावट की संभावना हो तो लॉन्ग टर्म प्लानिंग के साथ निवेश करना बेहतर होगा। वहीं, अगर बाजार में उछाल बरकरार रहता है, तो अभी भी निवेशकों के लिए इसमें अवसर हैं।