Success Story: 7 बार UPSC परीक्षा में हुए फेल पर नहीं मानी हार, आठवीं बार मिली सफलता और बने IFS अधिकारी
नई दिल्ली, Success Story of IFS Officer Pawan Gupta:- भारत में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं लेकिन उनमें से कुछ का सपना ही पूरा हो पाता है. लोगों में इस परीक्षा के लिए इतना जुनून होता है कि एक बार असफल होने के बाद वह अगली बार दुगनी तैयारी के साथ Exam में हिस्सा लेते हैं. परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को कड़ा संघर्ष करना पड़ता है. कुछ लोगों के मन में यही होता है कि उन्हें सिर्फ यही करना है और वें 5 से 7 साल इसकी तैयारी में लगा देते हैं.
7 बार हुए Fail
इतना वक्त इस परीक्षा को देना हर किसी के बस की बात नहीं है. हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं जो सात बार UPSC की परीक्षा में Fail हुए मगर आठवीं बार सफलता मिली और 2022 में AIR 90 के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की. ज़ी हाँ आज हम आपको पवन गुप्ता की कहानी बताने जा रहे हैं जो आज IFS अधिकारी (इंडियन फोरेस्ट सर्विसेस) हैं. पवन गुप्ता का संबंध आगरा के एक साधारण कारोबारी परिवार से है और इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B. Tech किया है.
NIT दुर्गापुर से की ग्रेजुएशन
उन्होंने एनआईटी दुर्गापुर से Graduation की और पढ़ाई के बाद उन्हें अच्छी कंपनी में बढ़िया सैलरी पर जॉब भी मिल गई. पर पवन इससे संतुष्ट नहीं थे, क्योंकि उनके मन में सिविल सर्विसेज की चाह थी. ऐसे में वह साल 2015 से नौकरी के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगे. साल 2015 और 2016 में उनका प्रीलिम्स ही पास नहीं हुआ इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया. 2017 में भी असफलता हाथ लगी. 2018 में उन्होंने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के साथ-साथ भारतीय वन सेवा (IFS) प्रारंभिक परीक्षा भी पास की.
2021 में बने भारतीय वन सेवा अधिकारी
इसके बाद उन्होंने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) परीक्षा दी और AIR 17 के साथ परीक्षा पास की. उन्होंने नौकरी ली और पंजाब के कपूरथला में भारतीय रेलवे के लिए सहायक कार्य प्रबंधक के पद पर काम किया. साल 2020 में फिर से सिविल सेवा और आईएफएस परीक्षा दी मगर Interview में सफल नहीं हो पाये. इतनी सारी असफलताओं के बाद भी पवन ने हिम्मत नहीं हारी और 2021 में IFS परीक्षा दी और AIR 90 के साथ भारतीय वन सेवा अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए.