भारत के इस राज्य में तंदूरी रोटी पर लगा बैन, बनाने पर देना होगा पांच लाख जुर्माना
नई दिल्ली :- तंदूरी रोटी बहुत से लोगों को खूब पसंद होती है. जब भी ये लोग Restaurant या होटल जाते हैं, तो सीधा तंदूरी रोटी का आर्डर देते है. आप में से कई लोगों को तंदूरी रोटी पसंद होगी, लेकिन आपको कैसा लगे यदि आप एक रेस्टॉरेंट में जायें और तंदूरी रोटी ओर्डर करने पर वेटर आपसे कहे कि आपको तंदूरी रोटी नहीं मिल सकती. क्या आपने कभी सोचा होगा कहीं पर तंदूरी रोटी भी Ban हो सकती है. सुनने में यह थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन वास्तव में ऐसा ही हुआ है.
बढ़ रहा है वायु प्रदूषण
जी हां आपको बता दें कि भारत के 1 राज्य में तंदूरी रोटी पर रोक लगाई गई है. मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में मिट्टी के चूल्हे या तंदूर भट्टी के प्रयोग पर बैन लगाया गया है. प्रशासन का कहना है कि तंदूरी भट्टी और मिट्टी के चूल्हे शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ा रहे हैं ऐसे में यहां के होटल और रेस्टॉरेंट संचालकों से कहा गया है कि वे इसकी जगह Electric या LPG Oven का प्रयोग करें. प्रशासन के इस Notice के बाद रेस्टॉरेंट Owners के सामने समस्या आ गई है कि बिना तंदूरी भट्टी की वें तंदूर रोटी कैसे बनाएंगे.
नियम तोड़ा तो देने होंगे 5 लाख रुपये
इतना ही नहीं, अगर नियम का पालन नहीं किया गया तो होटल मालिकों को भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को उपयोग पर निगरानी बनाए रखने को कहा गया है मिट्टी के तंदूर का प्रयोग करते पाए जाने पर होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है. हाल ही में जबलपुर में होटलों को इस बारे में नोटिस दिया गया था. मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने कहा, “खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने पारंपरिक मिट्टी के तंदूर भट्टी का उपयोग बंद करने का आदेश जारी किया है, जिसमें ईंधन के रूप में कोयला और लकड़ी प्रयोग में लाए जाते हैं.
Consumers की जेब पर भी होगा प्रभाव
उनका कहना है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पारंपरिक तंदूर पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, होटल संचालकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक तंदूर पर तंदूर बनाने से 3 गुना ज्यादा खर्चा आएगा जिसका Effect उपभोक्ताओं पर भी होगा. प्रदूषण Level के अलावा तंदूर की रोटियों में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बृजेश शर्मा ने कहा कि सभी होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों को आदेश का पालन करने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया है.