Teachers Day Special: कोरोना काल में जोखिम उठा बच्चों के घर पहुंचाई किताब, अब पानीपत की बेटी को सम्मानित करेगी मनोहर सरकार
पानीपत, Teacher’s Day Special:- आज 5 सितंबर है. आप सभी जानते हैं कि 5 September को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सभी गुरुजनों को धन्यवाद किया जाता है. इस बार शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य के 69 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा. सम्मानित होने वाले इन शिक्षकों में से तीन Teachers पानीपत जिले के हैं. इन शिक्षकों ने बच्चों के भविष्य को संवारा है.
अब तक चार स्कूलों में दे चुकी हैं सेवाएं
Covid के समय भी इन्होंने अपनी जान दाव पर लगा दी लेकिन बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा. सम्मानित होने वाले अध्यापकों में एक शिक्षक सीमा अहलावत हैं. सीमा ने स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम किया. जिसके चलते स्कूलों से Drop Out जीरो हुआ . इसके अलावा छात्राओं को शिक्षा के साथ- साथ शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए भी वह कार्यरत थी. सीमा साल 2000 में टीचर बनी और उन्होने बताया कि वह अब तक चार स्कूलों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. उन्होंने जिस भी स्कूल में काम किया वहां बच्चों की संख्या और Result हमेशा अव्वल रहा.
बच्चों को घर-घर जाकर दी किताबें
यही नहीं उन्होंने जिस School में भी काम किया वहां का ड्रॉप आउट भी Zero रहा. सीमा बताती हैं कि वह बच्चों को कोरोना काल में उनके घर-घर जाकर Books देती थी ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो. सीमा का मानना है कि जिस ग्रामीण क्षेत्र में वह बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है, वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. बच्चों के पास Phone भी नहीं थे, इसलिए उन्होंने बच्चों को घर-घर जाकर किताबें दी. अपनी शिक्षा के दौरान उन्होंने बच्चियों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में बताया और साथ ही उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से होने वाले Change के बारे में भी जानकारी दी.
गांव के लोगों में जगाई शिक्षा की अलख
सीमा जिस गांव में पढ़ाती है वहां के लोगों का पढ़ाई की तरफ ज्यादा रुझान नहीं था लेकिन उन्होंने हर बच्चे के माता-पिता से बात की और उन्हें कहा कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें. 2019 से सीमा अहलावत पानीपत की यमुना तलहटी के क्षेत्र के गांव रासलापुर में सेवा दें रही हैं. उस वक़्त स्कूल में करीब 100 बच्चे थे जिनकी संख्या आज बढ़कर 168 हो चुकी है. सीमा का कहना है कि वह भी एक बेटी की माँ है और वह हर लड़की को हर तरीके से मजबूत बनाना चाहती हैं.