Express Way: निर्माण के 4 महीने बाद ही दरका दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे का पुल, सूचना मिलते ही आला कमान में मचा हड़कंप
गुरुग्राम, Express Way :- आजकल सड़क निर्माण और रेलवे निर्माण का कार्य ठेकेदारों को सौंप दिया जाता है. ठेकेदार अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ नहीं निभाते और लालच में आकर निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाले सामग्री का कम प्रयोग करते हैं. इसके कुछ दिनों बाद ही सड़क मार्ग की स्थिति खस्ता हो जाती है. Wednesday को करीब 1 लाख करोड रुपए की लागत से तैयार दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस- वे मेवात क्षेत्र में टूटने लगा है.
अचानक टूटने लगा पूल
बुधवार को मंहू गांव में अचानक से पुल टूटकर गिरने लगा, जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. ग्रामीण लोग हैरान थे कि कुछ महीनो पहले बना यह पुल अचानक से क्यों टूटने लग गया. वही ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदारों ने बीच में पैसे कमाने के लिए पुल बनाने में घटिया सामग्री का प्रयोग किया है. जिस वजह से पुल अचानक से नीचे गिरने लग गया है. पुल टूटकर गिरना यहां से आने जाने वाले यात्रियों के लिए खतरे से खाली नहीं था. इस पुल का निर्माण हुए करीब 4 महीने ही हुए थे कि पुल क्षतिग्रस्त हो गया.
खुद की कमाई के लिए पुल में प्रयोग की घटिया सामग्री
ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि ठेकेदारों ने खुद की कमाई के लिए पुल निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री घटिया किस्म की लगाई है. घटिया सामग्री लगाकर ठेकेदारों ने केंद्र सरकार के साथ विश्वासघात किया है. केवल 4 महीने में ही पुल टूटकर नीचे गिरने लग गया है. ग्रामीणों ने कहा कि पुल गिरने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, इसलिए संबंधित कंपनी को तुरंत संज्ञान में लेते हुए कोई ना कोई महत्वपूर्ण कदम अवश्य उठाना चाहिए, ताकि Future में होने वाले बड़े हादसे को रोका जा सके.
कुछ महीने पहले ही PM नरेंद्र मोदी ने किया था उद्घाटन
मामले की जानकारी के लिए हाईवे के स्थानीय अधिकारियों को फोन किया गया था परंतु उन्होंने इस मामले पर कुछ नहीं कहा. जिससे ग्रामीण अति संवेदनशील स्थिति में पहुंच गए है. मंहू ग्राम निवासियों ने बताया कि 12 February को PM नरेंद्र मोदी ने दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस वे को बनाने वाली कंपनी और ठेकेदारों ने अपनी जेब भरकर पुल निर्माण में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग किया. घटिया सामग्री का असली स्वरूप 4 महीने बाद ही सबके सामने आने लगा.