Delhi News: दिल्ली सरकार के पास रेल प्रोजेक्ट के लिए नहीं बजट, तो सुप्रीम कोर्ट ने खींचे कान कहा- विज्ञापन के लिए पैसे हैं
नई दिल्ली :- आज अधिकतर जनसंख्या रैपिड Metro से यात्रा करना काफी पसंद करती हैं. रैपिड मेट्रो से आने जाने में यात्रियो के समय की बचत होती है, क्योंकि रैपिड मेट्रो बड़ी ही तेजी के साथ आपको आपके गंतव्य स्थान तक पहुंचा देती है. फिलहाल सरकार RRTS Project पर कार्य कर रही है. दिल्ली सरकार से जब रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (RRTS) Project के निर्माण को लेकर फंड की मांग की गई तो दिल्ली सरकार ने RRTS प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए फंड देने में असमर्थता जताई.
दिल्ली को जोड़ेगा हरियाणा व राजस्थान से जब
जानकारी के लिए बता दे कि यह RRTS राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हरियाणा व राजस्थान से जोड़ने का कार्य करेगा. रैपिड रेल Project को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास विज्ञापन पर खर्च करने के लिए फंड है, परंतु RRTS Project पर खर्च करने के लिए फंड नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने पिछले 3 वर्षों में विज्ञापन पर किए गए खर्च का Total ब्यौरा मांगा है.
विज्ञापन पर खर्च किए गए पैसो की मांगी सूची
सुप्रीम कोर्ट के पास मामला आया था कि रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम Project के लिए दिल्ली सरकार सहयोग नहीं कर रही है, जिसे लेकर सोमवार को जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ में मामले की सुनवाई की गई. इस दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि इस समय उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर चलने के कारण RRTS प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया नहीं करवा सकती. इस पर सुप्रीम Court ने दिल्ली सरकार के पिछले 3 वर्षों में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के विज्ञापन पर खर्च किए गए फंड की सूची पेश करने के आदेश दिए हैं.
दिल्ली सरकार ने खडे किए हाथ
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास विज्ञापन पर ख़र्च करने के लिए तो पैसे हैं परंतु प्रोजेक्ट पर इन्वेस्ट करने के लिए पैसे नहीं है. विभिन्न परियोजनाओं से आ रहे पैसों का प्रयोग कहां पर किया जा रहा है जो आज RRTS प्रोजेक्ट पर पैसे खर्च करने की बात आई तो सरकार ने हाथ खड़े कर दिए.