हरियाणा के किसानों की चमकी किस्मत, केंद्र ने इस नए हाइवे को दी हरी झंडी
चंडीगढ़ :- हरियाणा की सड़कें अब नई पहचान बनाने की राह पर हैं। बीते कुछ सालों से प्रदेश में सड़क नेटवर्क को लेकर सरकार की सक्रियता साफ नजर आ रही है। खासतौर पर जिन इलाकों को अब तक विकास से दूर माना जाता था वहां अब नई सड़कों (new roads) और हाईवे (highways) के ज़रिए कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। इसी कड़ी में एक और बड़ा एलान सामने आया है जिसमें सिरसा से लेकर राजस्थान के चूरू तक नया हाईवे बनाने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है।
हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने मिलकर इस हाईवे प्रोजेक्ट (highway project) को हरी झंडी दिखा दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में प्रदेश की सड़कों के सुधार को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं जिसमें उन्होंने साफ कहा कि आने वाले 6 महीनों में सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए विशेष फोकस किया जाएगा। और अब सिरसा से चूरू तक नया हाईवे बनना इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ये हाईवे न सिर्फ हरियाणा और राजस्थान के बीच की दूरी को कम करेगा बल्कि सिरसा जमाल फेफाना नोहर तारानगर और चूरू जैसे कई अहम इलाकों को सीधा जोड़ने का काम करेगा। इसका सीधा फायदा ये होगा कि इन क्षेत्रों के लोगों को अब लंबा घुमावदार रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा बल्कि वो आसानी से नेशनल हाईवे (National Highway) से जुड़ पाएंगे।
तेज़ी से चल रहा है सर्वे का काम
फिलहाल इस नए हाईवे को बनाने से पहले एक विस्तृत सर्वे (survey) किया जा रहा है। सिरसा के हिस्से में 34 किलोमीटर का ट्रैक पहले ही चिन्हित कर लिया गया है। बाकी के इलाकों में जमीन का सर्वे किसानों से बातचीत और ज़रूरी तकनीकी प्रक्रियाएं जारी हैं। सड़क निर्माण विभाग की टीम दिन-रात जुटी है ताकि कोई कसर न रहे। इस सर्वे का मकसद सिर्फ रास्ता तय करना ही नहीं है बल्कि ये भी देखा जा रहा है कि कहां पर अतिक्रमण (encroachment) है किन जगहों पर ब्रिज ओवरब्रिज या अंडरपास बनाने की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा बारिश और जलभराव जैसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सड़क के डिज़ाइन को तय किया जा रहा है।
व्यापार और रोज़गार दोनों को मिलेगा फायदा
ये बात किसी से छुपी नहीं है कि अच्छी सड़कें सिर्फ ट्रैवलिंग को आसान नहीं बनातीं बल्कि वे व्यापार (business) और रोज़गार (employment) के लिए भी नए रास्ते खोलती हैं। इस हाईवे के बनने से स्थानीय किसानों को अपनी फसल जल्दी और सही हालत में मंडियों तक पहुंचाने में आसानी होगी। वहीं जो छोटे कारोबारी अब तक सीमित इलाके में काम करते थे वे अब दूसरे जिलों और राज्यों में भी अपना कारोबार फैला सकेंगे। इसके अलावा जब सड़क बनती है तो उस दौरान भी हजारों मजदूरों को रोजगार मिलता है। और जब सड़क तैयार हो जाती है तब ढाबे गैरेज होटल और ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई छोटे-बड़े बिज़नेस पनपते हैं। सिरसा से चूरू तक बनने वाला ये नया हाईवे भी हजारों लोगों के लिए कमाई का नया जरिया बन सकता है।
दिल्ली तक सफर होगा आसान
इस हाईवे के बनने का एक और बड़ा फायदा ये है कि अब सिरसा से दिल्ली की दूरी भी कम हो जाएगी। अभी तक दिल्ली तक पहुंचने के लिए सिरसा के लोगों को या तो लंबा रास्ता लेना पड़ता है या फिर सड़कों की खराब हालत की वजह से सफर थकाऊ और टाइम टेकिंग हो जाता है। लेकिन इस नए रूट से डायरेक्ट कनेक्टिविटी बनेगी जिससे सफर जल्दी और आरामदायक हो जाएगा। इससे सिर्फ यात्रियों को ही राहत नहीं मिलेगी बल्कि पर्यटन (tourism) और लॉजिस्टिक (logistics) सेक्टर को भी बड़ा बूस्ट मिलेगा। राजस्थान से आने वाले पर्यटक अब हरियाणा के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। वहीं औद्योगिक क्षेत्रों के लिए माल की ढुलाई (transportation) भी तेजी से हो सकेगी।
राजस्थान के जिलों को भी होगा लाभ
ये हाईवे सिर्फ हरियाणा तक ही सीमित नहीं रहेगा। इसके ज़रिए राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे जिलों को भी फायदा होगा। अभी तक इन जिलों से हरियाणा आने के लिए एक सीमित रूट था लेकिन अब इस हाईवे के ज़रिए इन इलाकों के लोग भी सीधे सिरसा होते हुए अन्य जिलों तक आसानी से जा सकेंगे। इससे राज्य-स्तरीय सहयोग भी बढ़ेगा और दोनों राज्यों के बीच का व्यापारिक व सामाजिक संबंध और गहरा होगा। प्रशासन का मानना है कि ये हाईवे दोनों राज्यों के लिए एक इकोनॉमिक करिडोर (economic corridor) जैसा साबित हो सकता है।