लड़की को नहीं था भाई तो पूरा गांव पहुंचा भात भरने, भातियों को टीका करने में लगे 5 घंटे
फतेहाबाद :- पुरानी कथाओं में सुना है कि नरसिंह भगत की बेटी हरनंदी के भात में भगवान श्री कृष्ण स्वयं भात लेकर पहुंचे थे. ऐसा ही एक मामला हरियाणा के फतेहाबाद गांव जांडवाला बागड़ में सामने आया है. जहां गांव नेठराना की बेटी का भात पूरे गांव ने श्री कृष्ण की तरह पहुंचाया है.
पीहर में भात भरने वाला कोई नहीं था
आपको बता दें कि राजस्थान के पास स्थित गांव नेठराना की बेटी मीरा का विवाह फतेहाबाद के भट्टू कला क्षेत्र के गांव जांडवाडा बागड़ में महावीर माचरा के साथ हुआ था. समय बीतने के साथ महावीर माजरा व उनके पिता का भी देहांत हो गया. मीरा घर में अकेली थी. इसके साथ ही आपको बता दें कि मेरा के पीहर में भी उसके पिता जोराराम बेनीवाल का पहले ही देहांत हो गया था. मीरा के मायके में अब केवल उसका इकलौता भाई संतलाल बचा था जो अविवाहित होने के चलते संत बन गया था. तथा उसके भाई का भी देहांत हो गया था. संतलाल की मृत्यु के बाद गांव में उसकी समाधि बना दी गई है.
भाई की समाधि पर भात न्योतने पहुंची
मीरा की दो बेटियां मीनू और सोनू है. मीरा देवी ने अकेले ही अपनी दोनों बेटियों का पालन पोषण किया है. मायके में भात में न्योतने के लिए कोई नहीं था तो मीरा नेठराना गांव में स्थित अपने भाई की समाधि पर गई और वहीं पर टीका लगाकर भात न्योत दिया. इस अवसर पर पूरा नेठराना गांव वहां एकत्रित हो गया था. आपको बता दें कि मीरा देवी ने अपनी बेटियों का विवाह गांव बनगांव व राजस्थान के राजगढ़ के पास स्थित गांव बीरमी पट्टा में किया है.
पूरा गांव पहुंचा भात लेकर
गांव नेठराना के ग्रामीणों ने एकजुट होकर भात भरने का निर्णय लिया कि पूरे गांव के लोग बहन मीरा का भात भरने के लिए जाएंगे. जब मंगलवार को मेरा भातियों का इंतजार कर रही थी तो गाड़ियों का बहुत बड़ा जमावड़ा भात के लिए पहुंच चुका था. अपने गांव के लोगों को देखकर मीरा भावुक को गई तथा उसकी बेटियां मीनू और सोनू रोने लगी. चारों तरफ इस अनोखे भात को लेकर भावुक माहौल बन गया था.
700 भाती आए भात लेकर
मीरा देवी की बेटियों की शादी में नेठराना से 700 महिला व पुरुष भात लेकर पहुंचे. गांव जटवाड़ा बागड़ के लोग भी भातियों का लगातार स्वागत कर रहे थे. आपको बता दें कि भातियो के स्वागत व टिका करने में मीरा को करीब 5 घंटे लग गए. इस अवसर पर मौजूद नेठराना के ग्रामीणों ने बताया कि वैसे तो पूरा गांव में इस भात में आना चाहता था परंतु ज्यादा भीड़ न हो इसलिए हम अपने वाहनों के साथ 700 लोग ही लाए हैं.
भात में आई 10 लाख से ज्यादा नकद राशि
गांव नेठराना के एक एक ग्रामीण ने अपनी इच्छा अनुसार भात दिया तथा गांव जटवाड़ा बागड़ सहित आसपास के ग्रामीण भी इस अनोखे भात की तारीफ कर रहे थे. आपको बता दें कि भात में 10 लाख से ज्यादा नगद राशि आई है. इसके साथ ही मीरा, उसकी बेटियों व परिवार के सदस्यों के लिए कपड़े भी दिए गए हैं. गांव नेठराना मंजू ने बताया कि भले ही मीरा का परिवार गांव में नहीं है परंतु पूरा गांव मीरा के लिए परिवार जैसा ही है. आज भांजीयों का भात भरने में उनको बहुत खुशी मिल रही है. गांव में पहला ऐसा अनोखा भात भरा गया है. मीरा देवी के लिए जिस प्रकार से उनके पीहर गांव ने अपना सहयोग दिया है, यह केवल पौराणिक कथाओं में नरसी भगत के समय ही हुआ था.