पूरी तरह बदली ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया, अब टोटली कंप्यूटराइज्ड होगा टेस्ट
नई दिल्ली :- परिवहन विभाग लगातार अपने कार्यों में बदलाव कर रहा है, ताकि लोगों को पारदर्शी तरीके से बेहतर सुविधा मिले. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब नियमों में बदलाव किया जा रहा है. अब मैन्युअल सुविधा को हटाकर टोटली कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है.
क्या हुआ है बदलाव
एआरटीओ बस्ती पंकज सिंह लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि अब लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए पूरी प्रक्रिया फेसलेस कर दी गई है, यानी कि अब आप देश के किसी भी हिस्से में बैठकर अपना लर्निंग लाइसेंस बनवा सकते हैं. परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जनपद के आरटीओ ऑफिस जाना होता है. पहले जहां मैन्युअल रूप से कुछ सवालों के जवाब और फिजिकल टेस्ट होते थे, लेकिन अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पूरी तरीके से कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है.
टेस्ट ट्रैक में बदलाव, इतने स्टेप में होगा टेस्ट
पंकज सिंह बताते हैं कि मारुति कंपनी इंडिया लिमिटेड ने इस ट्रैक को पूरी तरह से ऑटोमेटेड किया है. कंपनी ने इसे सीएसआर फंड के तहत पूरी तरह से डिजिटल और ऑटोमेटेड बना दिया है, जिसमें अब किसी भी प्रकार का मैन्युअल इंटरफेस नहीं होगा. अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए आवेदक को कुल 10 स्टेप्स पास करने होंगे. राजकीय आईटीआई परिसर में बनाए गए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) में यह नया ट्रैक तैयार किया गया है, जहां अब मैन्युअल टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी. ट्रैक पर कुल 19 कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. आवेदक के वाहन पर बैठते ही उसके चेहरे की स्कैनिंग होगी और फिर सेंसर उसकी गतिविधियों को ट्रैक करेंगे. यदि गाड़ी ट्रैक के सफेद पट्टी पर टच करती है, तो आवेदक फेल हो जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रैक पर काम लगभग पूरा हो चुका है, और विभागीय पोर्टल से जुड़ने के बाद नई प्रक्रिया के तहत टेस्ट शुरू हो जाएगा. आगे वह बताते हैं कि यह प्रक्रिया अगले 7 से 15 दिनों में पूरी तरह से लागू हो जाएगी.