जनवरी में अचानक तापमान बढ़ने से आपकी गेहूं की फसल को है ये खतरा, अभी करें नहीं हो नहीं होगा एक भी दाना
नई दिल्ली :- जनवरी महीने में अप्रत्याशित तरीके से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. यह मौसम गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि बढ़ते हुए तापमान की वजह से गेहूं की फसल के उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है. जिसका सीधा नुकसान किसानों को होगा लेकिन किसान अगर बेहतर तरीके से देखरेख करें तो गेहूं की फसल को बढ़ते हुए तापमान की मार से कुछ हद तक बचाया जा सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार के लिए ठंडा मौसम बेहतर माना जाता है. लेकिन इस बार जनवरी महीने में ही अप्रत्याशित तरीके से तापमान में बढ़ोतरी हुई है. जिसकी वजह से गेहूं की फसल से किसानों को उत्पादन कम मिलेगा. लेकिन अगर किसान समय पर पोटाश का इस्तेमाल कर लें तो गेहूं की फसल में उच्च तापमान को बर्दाश्त करने की क्षमता बढ़ेगी.
पोटाश का ऐसे करें छिड़काव
गेहूं की फसल जब बाली निकलने की अवस्था में पहुंच जाए. तब किसान खेत में पर्याप्त एनपीके 00:00:52 छिड़काव करें. किसान 1 किलो एनपीके 00:00:52 यानी घुलनशील पोटाश को लेकर 100 लीटर पानी में घोल बनाते हुए एक एकड़ फसल में छिड़काव कर दें. ऐसा करने से गेहूं की फसल में गर्मी के प्रति सहनशीलता बढ़ेगी. किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा.
समय पर करें सिंचाई
गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान समय-समय पर सिंचाई करते रहे. पहली सिंचाई 20 से 25 दिन, दूसरी 45 से 50 दिन और तीसरी सिंचाई 65 से 70 दिनों में कर देनी चाहिए. ध्यान रखें कि अगर इस अंतराल में बारिश हो जाती है तो खेत में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई करें.