Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
नई दिल्ली

भूमि रजिस्ट्री के नए नियम से हड़कंप, अब बेचने वालो को भी लगेगा तगड़ा झटका

नई दिल्ली :- भूमि पंजीकरण (Land Registration) एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है जो संपत्ति के स्वामित्व को वैध बनाती है। हाल ही में, भारत सरकार ने भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और डिजिटल तकनीक का उपयोग करके प्रक्रिया को सरल बनाना है। इस लेख में, हम दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया और नए नियमों पर चर्चा करेंगे।

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

modi 2 1

भूमि पंजीकरण प्रक्रिया का परिचय

भूमि पंजीकरण का मुख्य उद्देश्य संपत्ति के स्वामित्व को कानूनी रूप से मान्यता देना है। यह प्रक्रिया संपत्ति के खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके। नए नियमों के तहत, डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया गया है।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भूमि पंजीकरण

नए नियम

  • ऑनलाइन प्रक्रिया: अब सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं।
  • आधार कार्ड लिंकिंग: संपत्ति रिकॉर्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।
  • वीडियो रिकॉर्डिंग: खरीददार और विक्रेता के बीच पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।

शुल्क

  • दिल्ली में स्टांप ड्यूटी पुरुषों के लिए 6% और महिलाओं के लिए 4% है।
  • उत्तर प्रदेश में स्टांप ड्यूटी 7% तक हो सकती है।

बिहार और झारखंड में भूमि पंजीकरण

प्रक्रिया

  1. सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें।
  2. ऑनलाइन आवेदन भरें।
  3. स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें।
  4. बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए नियुक्ति प्राप्त करें।

विशेषताएँ

  • झारखंड ने “नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम” (NGDRS) अपनाया है।
  • बिहार में महिलाओं को स्टांप ड्यूटी पर छूट मिलती है।

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भूमि पंजीकरण

डिजिटल बदलाव

  • ओडिशा ने भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ किया है।
  • पश्चिम बंगाल ने “भुलेख” पोर्टल लॉन्च किया है जिससे भूमि रिकॉर्ड्स की जांच आसान हो गई है।

शुल्क

  • ओडिशा में स्टांप ड्यूटी 5% तक हो सकती है।
  • पश्चिम बंगाल में शहरी क्षेत्रों में अतिरिक्त अधिभार लागू होता है।

भूमि पंजीकरण की चरणबद्ध प्रक्रिया

  1. दस्तावेज़ तैयार करना: बिक्री विलेख (Sale Deed), गैर-भार प्रमाणपत्र (Non-Encumbrance Certificate), आदि।
  2. शुल्क भुगतान: स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
  3. आवेदन जमा करना: सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड करें।
  4. बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करें।
  5. डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त करना: सफलतापूर्वक पंजीकरण के बाद डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त करें।

    नए नियमों के लाभ

    • पारदर्शिता: वीडियो रिकॉर्डिंग और आधार लिंकिंग से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
    • समय की बचत: लंबी कतारों से बचने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली।
    • सरकार की आय में वृद्धि: डिजिटल भुगतान से राजस्व संग्रहण बढ़ेगा।

    आवश्यक दस्तावेज़

    • आधार कार्ड
    • पैन कार्ड
    • बिक्री विलेख (Sale Deed)
    • गैर-भार प्रमाणपत्र (Non-Encumbrance Certificate)
    • राजस्व रिकॉर्ड्स
    • नगरपालिका कर रसीदें (Municipal Tax Receipts)

    • Disclaimer:

      यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले सरकारी स्रोतों से पुष्टि करें।

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button