19 शहरों में शराब की सभी दुकानें बंद करने के आदेश से हड़कंप, 1 अप्रैल से लागू होगी नई पॉलिसी
नई दिल्ली :- 1 अप्रैल, 2025 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के साथ अलग-अलग राज्यों में कई नियम बदलने जा रहे हैं। इसी के तहत, अलग-अलग शराब नीतियों में भी कई तरह के बदलाव कर रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि देश का एक राज्य पहली बार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने जा रहा है। इसके साथ ही, कुल 19 जगहों पर शराब की बिक्री बंद होने वाली है। नई शराब नीति के तहत धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों समेत कुल 19 जगहों पर शराब की बिक्री बंद हो जाएंगी।
बार की कुल संख्या 460 से 470
रविवार को जारी नई नीति के अनुसार, ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ में सिर्फ बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’जैसी ड्रिंक्स का सेवन किया जा सकेगा, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम होगी। इन बारों में शराब का सेवन पूरी तरह से बैन होगा। बताते चलें कि ये सभी नए नियम मध्य प्रदेश में लागू होने वाले हैं। बताते चलें कि अभी पूरे मध्य प्रदेश में 460 से 470 बार हैं और आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन नए बार के खुलने से इसकी कुल संख्या में तेजी से इजाफा होगा।
1 अप्रैल से 19 शहरों में बंद हो जाएंगी शराब की सभी दुकानें
सरकारी बयान में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री बैन होने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी। उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद शराब की बिक्री पर बैन लगाने का ऐलान किया था। शराब बैन करने की वजह से राज्य सरकार को करीब 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
20 प्रतिशत बढ़ जाएगी रीन्यूअल फीस
हालांकि, जिन शहरों में शराब की बिक्री बंद होगी, वहां दूसरे शहरों से शराब लाकर पीने पर कोई रोक नहीं होगी। जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की जरूरत है। अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में सिर्फ आबकारी अधिनियम लागू है। सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के रिन्यूअल फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।