नायब सरकार के इस एक्शन से पुरे हरियाणा में हड़कंप, HKRN युवाओं की उड़ी नींद
चंडीगढ़ :- हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) एक ऐसा संगठन है जिसे हरियाणा सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू किया था। इसकी शुरुआत का मकसद था कि सरकार की विभिन्न योजनाओं और विभागों में जरूरत के मुताबिक योग्य लोगों को अनुबंध पर भर्ती किया जाए। पहले यह काम अलग-अलग एजेंसियों के जरिये किया जाता था लेकिन पारदर्शिता लाने और सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए (HKRNL) की नींव रखी गई। इस प्लेटफॉर्म के जरिए हजारों युवा हरियाणा के अलग-अलग जिलों में जैसे (Hisar), (Rohtak), (Gurugram), (Karnal), (Faridabad) आदि में सरकारी विभागों में अस्थायी रूप से नौकरी कर रहे हैं। लेकिन अब सरकार के एक आदेश ने इन युवाओं की नींद उड़ा दी है।
सरकार के आर्डर से हड़कंप
हरियाणा सरकार ने 3 अप्रैल 2025 को एक आदेश जारी किया है जो खास तौर से उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो (HKRNL) या आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 के तहत कार्यरत हैं और हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम 2024 के दायरे में नहीं आते। इस आदेश के मुताबिक अगर किसी विभाग बोर्ड या निगम में रिक्त पद नहीं हैं और ग्रुप C के नए कर्मचारियों को नियुक्त करना है तो ऐसे में पुराने (Contractual Staff) को हटाया जा सकता है। यह बात सुनते ही हजारों कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि यह सीधे-सीधे उनकी रोज़ी-रोटी पर असर डालने वाला है।
नियम बना परेशानी का कारण
सरकार ने आदेश में साफ किया है कि पहले आओ पहले पाओ (First In First Out) के सिद्धांत को लागू किया जाएगा। यानी जो कर्मचारी सबसे पहले से सेवा दे रहे हैं उन्हें पहले हटाया जाएगा ताकि नए चयनित (HSSC CET) पास अभ्यर्थियों को नौकरी दी जा सके। अब यहां सवाल उठता है कि जो कर्मचारी पिछले 3-4 सालों से मेहनत से काम कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना क्या सही है? यह आदेश खासकर उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो 15 अगस्त 2019 के बाद नियुक्त हुए हैं।
15 अगस्त 2019 से पहले लगे कर्मचारी रहेंगे सुरक्षित
जो कर्मचारी 15 अगस्त 2019 से पहले आउटसोर्सिंग पॉलिसी या (HKRNL) के तहत पदस्थ हैं उन्हें हटाया नहीं जाएगा। बल्कि उन्हें हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी सेवा सुरक्षा अधिनियम 2024 के तहत सुरक्षा का लाभ मिलेगा और उनके मामलों की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन बाकी हजारों कर्मचारी जिनका कार्यकाल 2019 के बाद शुरू हुआ उनके लिए यह सरकार का फैसला किसी झटके से कम नहीं है।
राजनीतिक मोर्चे पर भी मचा घमासान
सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने भी जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार युवाओं को नौकरी देने की बजाय नौकरी छीनने में लगी हुई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि (HKRNL) के माध्यम से काम कर रहे हजारों युवाओं को एक झटके में बाहर का रास्ता दिखाना अमानवीय है।