इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में आया ये बड़ा रूल, अब आपके सोशल मीडिया अकाउंट भी चेक करेगा विभाग
नई दिल्ली :- आयकर विभाग के अधिकारियों को कर संबंधी कई मामलों में जांच व तलाशी में कुछ दिक्कतें पेश आती थीं, जो अब नहीं रहेंगी। अब नये टैक्स कानून (new income tax act)में अधिकारियों को यह अधिकार मिल गया है। इसका असर टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा और कर व्यवस्था में और सुधार की उम्मीद बढ़ेगी। नए कानूनी प्रावधानों और नियमों के अनुसार विभाग अब टैक्सपेयर्स (latest update for taxpayers) की उन चीजों की जांच भी करेगा, जिनका पहले ध्यान नहीं रखा जाता था या जांच में समस्या आती थी।
यह कदम टैक्स चोरी और गलत जानकारी देने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए उठाया गया है। विभाग के अधिकारियों को नई पावर मिलने से वे अब और भी मजबूत हो गए हैं। इससे यह बात भी क्लियर होती है कि अब किसी भी गड़बड़ी को बख्शा नहीं जाएगा। टैक्सपेयर्स (Taxpayer’s news) के लिए यह बदलाव एक नई चुनौती की तरह होगा, जिससे उन्हें अब हर कदम में सतर्क रहना होगा।
बदल गया यह नियम –
इस समय टैक्स कानून के तहत अधिकारियों को टैक्स नियमों (income tax new rules) के उल्लंघन का संदेह होने पर संपत्ति को जब्त करने और दस्तावेज़ की जांच करने के अधिकार है। टैक्सपेयर्स की चेकिंग के दौरान इनकम टैक्स कानून 1961 के सेक्शन 132 (Section 132 of the Income Tax Act, 1961) के तहत अधिकारियों को लॉकर तोड़ने, दरवाजा तोड़ने, सामान को जब्त करने का अधिकार है।
अब नए नियमों में अधिकारियों को डिजिटल फाइल की जांच करने और उसे एक्सेस करने का अधिकार मिलेगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि आजकल अधिकांश दस्तावेज़ और लेन-देन डिजिटल रूप में होते हैं। इससे अधिकारियों को कर चोरी और अन्य अनियमितताओं की जांच करने में मदद मिलेगी।
टैक्स से जुड़ी जांच प्रक्रिया होगी आसान-
अब लोग अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप में अपने मोबाइल और कंप्यूटर में रखते हैं। इस वजह से सभी लेन-देन भी ऑनलाइन (Online Transaction Records) होते हैं, जो ट्रैक करना आसान बनाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव टैक्स से जुड़ी जांच प्रक्रिया को सरल बनाता है। नई नियमावली में इस बात को स्पष्ट किया गया है ताकि अधिकारियों को जांच के दौरान मदद मिले और कोई जानकारी छिपी न रहे। इस कदम से डिजिटल माध्यमों का सही तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा और टैक्स प्रक्रिया (inocme tax latest update) में पारदर्शिता बढ़ेगी।
इन चीजों पर भी नजर रखता है विभाग
आजकल, सरकारी विभाग हर व्यक्ति की वित्तीय गतिविधियों पर ध्यान दे रहा है। 26एएस में एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement) के तकनीकी उन्नति के कारण, हर लेन-देन को पहले से समझा और ट्रैक किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से सभी बड़े खर्चों की जानकारी स्वचालित रूप से प्राप्त होती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि हर व्यक्ति अपने आय और खर्च के हिसाब से सही कर का भुगतान करे।
इसके चलते, जो लोग अपनी आय को छिपाने या कम दिखाने की कोशिश करते हैं, उन्हें कर विभाग से नोटिस (income tax notice) मिलता है। इस व्यवस्था से कर चोरी को रोकने में मदद मिल रही है और लोगों को सही जानकारी के आधार पर टैक्स भुगतान (tax payment rules) करने की प्रेरणा मिल रही है।