ये होती है असली मुर्रा नस्ल की पहचान, अक्सर लोग कर नहीं कर पाते पहचान
नई दिल्ली :- गांवों में दूध के लिए भैंस पालन जाना जाता है जहां विभिन्न प्रकार की नस्लें पाई जाती हैं. इनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध है मुर्रा भैंस जिसे ज्यादा दूध उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है.
मुर्रा भैंस की पहचान करना कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस नस्ल की भैंस के सींग आमतौर पर छोटे और अंगूठी के आकार के होते हैं, जो कि इसकी एक मुख्य विशेषता है.
मुर्रा भैंस की कुछ अन्य खास विशेषताएँ भी होती हैं जैसे कि इसके सिर और पूंछ पर सुनहरे रंग के बाल होना. इसके अलावा, इसकी पूंछ लंबी होती है जो जमीन तक लटकती है. यह विशेषता इसे अन्य नस्लों से अलग करती है.
मुर्रा भैंस की एक महत्वपूर्ण विशेषता इसकी दूध उत्पादन क्षमता है. एक साल में, एक मुर्रा भैंस लगभग 2 से 3 हजार लीटर दूध दे सकती है, जो कि इसे डेयरी फार्मिंग के लिए एक अत्यंत लाभकारी नस्ल बनाती है.
भैंस पालन न केवल दूध उत्पादन में बल्कि कृषि कार्यों में भी ग्रामीण आय का महत्वपूर्ण स्रोत है. मुर्रा भैंस की विशेषताओं को समझना और पहचानना किसानों के लिए उत्पादकता बढ़ाने का एक कदम हो सकता है. इस जानकारी से किसान अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं और अपनी डेयरी फार्मिंग को और भी फायदेमंद बना सकते हैं.