ये है पूरी दुनिया की सबसे महंगी देसी गाय, एक दो नहीं पुरे 40 करोड़ है कीमत
नई दिल्ली :- हमारे देश में गाय को पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. एक वक़्त पशुधन को समृद्धि का पैमाना माना जाता था. घरों में जितनी ज्यादा गाय और पशु होते थे, उन्हें उतना ही धनवान माना जाता था. गायों के साथ समृद्धि का जुडा होना एक बार देखने को मिला है. एक गाय ने किसान को करोड़पति बना दिया है. यह गाय उस किसान के लिए कामधेनु और नंदिनी बन चुकी है. ब्राजील में पशुधन की नीलामी में वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस नाम की एक गाय की 40 करोड़ रुपये की बोली लगी है.
उद्योग में साबित होगी मील का पत्थर
यह गाय भारतीय नस्ल की ही है. यह भारत के नेल्लोर नस्ल की गाय है. ब्राजील में हुई नीलामी में यह गाय अब तक बेची गई सबसे महंगी गाय है. यह इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी. वैसे तो नेलोर नस्ल की उत्पत्ति भारत में हुई है, लेकिन, खास बल्बनुमा कूबड़ और चमकीले सफेद कोट की वजह से यह ब्राजील में सबसे महंगी नस्लों में से एक बन चुकी है. गाय की यह नस्ल आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में उपलब्ध है. इसका वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है. यह भारत के ओंगोल मवेशियों से लिया गया है. साल 1868 में दो ओंगोल मवेशियों को ले जा रहा एक जहाज ब्राजील के साल्वाडोर में उतरा था.
सबसे बड़ी आमद हुई थी 100 गायें
इसके बाद कई अन्य मवेशियों का आयात किया गयाव इनमें से दो गायें 1878 में हैम्बर्ग चिड़ियाघर से आई थीं. सबसे ज्यादा 1960 के दशक में 100 गायें आई थी. नेल्लोर नस्ल की गायें अत्यधिक गर्मी झेल सकती हैं. इनका मेटाबॉलिज्म शानदार है. इस वजह से ये बीमार नहीं पड़ती हैं. वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोवीस में ये सभी Quality हैं. यह अपने आनुवंशिक फायदों को आगे बढ़ाने में सहायक है. वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस की बिक्री केवल गाय से कहीं ज्यादा है.
40 करोड रुपए में हुआ सौदा
यह अनुमान लगाया गया है कि उसके जेनेटिक मटीरियल भ्रूण से ऐसी संतान जन्म लेगी जो उसके उत्कृष्ट गुणों को पाएगी. इससे समग्र रूप से नेल्लोर नस्ल को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी. ब्राजील में हुई नीलामी में साढ़े चार साल की गाय लगभग 40 करोड़ रुपये में बिकी है. इसने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है.