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1 तारीख से लागू हो रहा है ये कानून, अब आपके एक- एक रूपए पर होगी आयकर विभाग की पैनी नजर

नई दिल्ली :- आयकर विभाग की ओर से एक तारीख को नया कानून लागू होना है। वहीं, आयकर के नए कानून के अनुसार इनकम आयकर विभाग के अधिकारियों को लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल तक खंगालने की छूट मिलेगी। आयकर विभाग लोगों के बिटक्वॉइन में निवेश को तलाशने के लिए डिजिटल एक्सेस भी ले सकेगा।

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हर निवेश और संपत्ति तक पहुंच बनाएगा विभाग

आयकर विभाग देश में धन के प्रयोग को ध्यान में रखता है। कोई टैक्स चोरी न हो पाए, इसके लिए आयकर विभाग (Income Tax) हर निवेश और संपत्ति तक अपनी पहुंच बनाएगा। आयकर विभाग आपकी पाई-पाई का ध्यान रखेगा।

सोशल मीडिया और ईमेल का भी मिलेगा एक्सेस

आयकर विभाग के पास आपके सोशल अकाउंट और और ईमेल का एक्सेस लेने का अधिकार होगा। आयकर विभाग (Income Tax) के अधिकारियों को इनकम टैक्‍स बिल 2025 में ये अधिकार दिए गए हैं।

क्यों किया जाएगा सोशल मीडिया चेक

आयकर विभाग के अनुसार करदाता कई बार अपने अनेक खर्चों की जानकारी नहीं देते हैं। जबकि, सोशल मीडिया पर वो अपनी लाइफस्टाइल की जानकारी साझा करते हैं, आयकर (New Income Tax Bill) विभाग ऐसे मामलों में जांच करके जानकारियों को निकाल सकेगा।

1961 के आई-टी एक्ट को बदला जाएगा

आयकर विधेयक 2025 में 1961 के आई-टी एक्ट (Income Tax) को बदलने के कई प्रस्ताव हैं। प्रस्ताव के अधिकार  अधिकारियों को ईमेल और व्हाट्सएप चैट जैसी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंचने की इजाजत देते हैं। इससे अधिकारी कई ज्यादा जानकारियों को प्राप्त कर सकेंगे।

क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी

आयकर विभाग का उद्देश्य क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश से जुड़ी जानकारियां को जुटाने का है। नए आयकर बिल में डिजिटल क्षेत्र में मौजूदा तलाशी और जब्ती के प्रावधानों में विस्तार का प्रावधान किया गया है। इसमें अधिकारियों को वर्चुअल संपत्तियों (Income Tax) की जांच का अधिकार मिलेगा। यह जांच टैक्स छुपाने के शक के आधार पर की जा सकती है।

नहीं उठा सकेंगे डिजिटल अर्थव्यवस्था में खामियों का फायदा

विशेषज्ञों के अनुसार आयकर विभाग का प्रस्ताव टैक्स चोरों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में खामियों का फायदा उठाने से रोकेगा। देश में क्रिप्टों में ट्रेड लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल, क्रिप्टोकरेंसी के  लेनदेन पर 30 प्रतिशत का मोटा टैक्स (Income Tax) लगता है। इसमें 1 प्रतिशत के स्रोत पर टैक्स कटौती भी होती है। इसी लिए कई लोग क्रिप्टो की जानकारी को छुपाकर रखते हैं।

टैक्‍स चोरी के सबूत किए जा सकेंगे इकट्‌ठे 

आयकर विभाग के प्रस्तावित कानून अनुसार संयुक्त आयुक्त लेवल से ऊपर के अधिकारी आवश्यकता होने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और डिजिटल प्लेटफार्मों के एक्सेस (Income Tax) लेने को ओवरराइड कर सकते हैं। प्रस्ताव अनुसार क्लाउड स्टोरेज, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन चैनल और डिजिटल एसेट एक्सचेंज आदि इसमें शामिल किए गए हैं। इससे टैक्स चोरी को रोका जा सकेगा।

कंप्यूटर का भी ले सकते हैं पूरा एक्सेस

आयकर के नए प्रस्तावित बिल के अनुसार धारा 247 अधिकृत अधिकारियों को आपके कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस के एक्सेस को लेने की आज्ञा देती है। बता दें कि यह पहले भी ऐसे प्रावधान थे, जिनकों अब नए बिल (New Income Tax Acts) में भी शामिल किया गया है। फिलहाल आयकर अधिनियम की धारा 132 पुस्तकों, खातों या अन्य दस्तावेजों के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों के निरीक्षण करके जब्त करने का अधिकार देता है। इसके तहत डिजिटल एक्सेस भी लिए जा सकेंगे।

Author Meenu Rajput

नमस्कार मेरा नाम मीनू राजपूत है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैंने बीकॉम, ऍम कॉम तक़ पढ़ाई की है. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

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