दुधारू पशुओं के लिए रामबाण है ये देसी चारा, चार दिन बाद ही बाल्टी भर दूध देंगी गाय-भैंस
नई दिल्ली :- पशु पालन करने वाले किसान गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी, सूअर का पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे में पशु पालन का काम करने वाले किसान फरवरी माह में अपने पशुओं को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार के नुकसान का सामना न करना पड़े. आईए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं कि फरवरी माह में पशु पालक किस प्रकार से अपने पशुओं का ख्याल रखें?
राजकीय पशु अधिकारी ने बताया
पशु चिकित्सा के क्षेत्र में लगभग 25 सालों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा ने लोकल 18 से जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि फरवरी माह से मौसम में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है. यह माह ठंडक से यानी सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ने लगता है, जिससे पशुओं का स्वास्थ्य के साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता पर इसका खासा प्रभाव पड़ता है. इस दौरान पशु पालकों को अपने पशुओं के आहार के लिए उचित पोषण, पीने के लिए स्वच्छ पानी और रहने का उचित प्रबंधन करना चाहिए, जिससे पशु का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है. जब पशु का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो उसकी दूध उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी. जिसका सीधा लाभ पशु पालकों को होगा.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
पशु विशेषज्ञ के मुताबिक पशु पालक मौसम में बदलाव को देखते हुए पशुओं के खान-पान, रहन – सहन का विशेष ध्यान रखें. क्योंकि इसका सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है. वह बताते हैं कि जनवरी से लेकर अप्रैल का महीना पशुओं के लिए बेहद सामान्य होता है. इस दौरान मौसम में बदलाव के कारण पशुओं में कई तरह कि बीमारियां होने लगती हैं. इससे बचाव के लिए पशु पालक समय समय पर पशु चिकित्सक से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ ही उन्हें कृमि नाशक दवाओं को खिला दें जिससे इन रोगों से पशुओं का बचाव किया जा सके. उन्होंने बताया कि पशुओं को ओस लगी घास खिलाने से परहेज करना चाहिए. क्योंकि यह घास ओस के कारण गीली होती है. जिसकी वजह से इसमें कई सारे हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाते हैं. जो पशुओं के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं.