Motivational Story: गुरुग्राम के इस पावभाजी वाले ने लड़े है लोकसभा और विधानसभा चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी किया था नामांकन
गुरुग्राम :- दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस उसे शिद्दत के साथ पूरा किया जाना चाहिए. मेहनत और लगन के साथ किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता. हरियाणा के गुरुग्राम के Sector- 15 के नजदीक पावभाजी बनाने वाला अपने आप में बेहद खास है. जब भी आप इस रेहडी के पास से निकलेंगे तो आप भी यह पावभाजी खाए बिना नहीं रह सकते. रेहड़ी पर स्वादिष्ट पावभाजी बनाने वाले के हाथो में जादू है. पावभाजी बनाने वाला अपने आप में बेहद खास है.
पेट भरने के लिए सीखा पाव भाजी का काम
भाजी बनाने वाला कुशेश्वर भगत पावभाजी बनाने में तो माहिर है ही, साथ ही उसमें बहुत सारी खूबियां भी है. कुशेश्वर भगत 5 बार विधानसभा और लोकसभा दोनों के चुनाव भी लड़ चुका है. कुशेश्वर भगत ने बताया कि एक बार वह किसी काम के सिलसिले में बिहार से मुंबई गए थे, यहां पर उन्होंने पावभाजी बनाना सीख लिया. फिर वें मुंबई से वापस Gurugram आ गए और यही पर पावभाजी बनाने की रेहड़ी लगाने लगे. धीरे- धीरे, जैसे- जैसे लोगों को उनकी रेहड़ी के बारे में पता चलता गया वैसे- वैसे उनका पावभाजी का काम बढ़ता गया.
पावभाजी के काम ने दिलाई अच्छी खासी पहचान
कुशेश्वर ने बताया कि पावभाजी का Taste लोगों की जुबान पर इस कदर चढ़ गया कि लोग यहां से गुजरते हुए लोग पाव भाजी खाए बिना नहीं रह पाते. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना और अपनी Family का पेट पालने के लिए पावभाजी का काम सीखा था और आज पावभाजी के कारण पूरे Gurugram में उनकी अच्छी खासी जान पहचान बन गई है. इसी के चलते कुशेश्वर स्वामी चुनावी मैदान में भी उतरे परंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा. भले ही वे चुनावी मैदान में हार गए परंतु पावभाजी के काम ने उन्हें अच्छी खासी पहचान दिलाई.
लोगों को खिलाते हैं फ्रेश पाव भाजी
कुशेश्वर भगत का दावा है कि वह लोगों को हमेशा Fresh पाव भाजी खिलाते हैं. वह लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का कोई खिलवाड़ नहीं करना चाहते. उनके द्वारा बनाई गई पावभाजी सही तरीके से और Butter में बनाई जाती है. जिससे कि लोगों को पावभाजी का स्वाद बेहद पसंद आता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब भी ग्राहक पावभाजी के लिए Order करते हैं, उनके Order के बाद ही वे ताजा पावभाजी तैयार करके उन्हें देते हैं. इसी वजह से दूर-दूर से लोग उनकी पावभाजी खाने के लिए आते हैं.