मजदूरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है ये योजना, बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलता है सब खर्च
नई दिल्ली :- श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और अपने पैरों पर खड़े हो सकें. संत रविदास शिक्षा योजना के तहत कक्षा 1 से बारहवीं कक्षा तक के छात्र तथा आईटीआई और पॉलिटेक्निक, डिग्री के छात्र आवेदन कर सकते हैं. यह उत्तर प्रदेश के श्रमिकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, जिसके माध्यम से राज्य का हर बच्चा अच्छे से पढ़ाई कर सकता है. प्रदेश में श्रमिक परिवारों के लोगों को अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई भी अधूरी रह जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संत रविदास शिक्षा योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को उनकी शिक्षा पूरी करने के लिए 2000 रुपये से लेकर 24000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी दर को कम करना और श्रमिक परिवारों के बच्चे आसानी से अपनी पढ़ाई पूरी करना है. इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है. श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करने के लिए साइबर कैफे या फिर www.upbocw.com पर भी जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके बाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
कक्षा 1 से ग्रेजुएशन तक मिलता है इस योजना का लाभ
श्रम विभाग के सहायक श्रम आयुक्त अभिषेक सिंह ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा ना रुकने पाए इसके लिए सरकार द्वारा संत रविदास शिक्षा योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा के लिए सरकार के द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है. साथ ही बच्चों के उत्तीर्ण अंकों के आधार पर अलग-अलग छात्रवृत्ति दी जाती है. जैसे कि कक्षा 1 से 5 तक 2000 रुपए एकमुश्त, 6 से 10 तक 2500 रुपए एकमुश्त, कक्षा 11 व 12 तक 3000 रुपए एकमुश्त, स्नातक पाठ्यक्रम या उसके समकक्ष 12000 रुपए एकमुश्त, आई.टी. आई पॉलिटेक्निक 12000 रुपए एकमुश्त, स्नातकोत्तर डिग्री पाठयक्रम के लिए 24000 रुपए एकमुश्त दिए जाते हैं.
साथ ही कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11 एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेश एवं शिक्षारत होने पर विद्यालय जाने के लिए निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्रियों को केवल एक बार ही साइकिल क्रय किये जाने के लिए सब्सिडी अनुमन्य होगी. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 70% अंकों के साथ, स्नातक एवं स्नातकोत्तर की परीक्षा 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण करने व अगली कक्षा में प्रवेश लेने की स्थिति में प्रोत्साहन के रूप में बालकों को 5000 रुपए बालिकाओं को 8000 रुपए धनराशि एकमुश्त दी जाती है.