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नई दिल्लीबिग ब्रेकिंग

Toll Tax News: देश के कई टोल प्लाजा पर नकली पर्ची का खेल, पर भी जरूर चेक करे ये चीज

नई दिल्ली:- उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने जिस तरह से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अतरौला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देश में करीब 200 टोल प्लाजा टोल टैक्स कलेक्शन में बड़ी धांधली करने का पर्दाफाश किया। सूत्रों का कहना है कि इसी तरह की एक और धांधली देशभर में कई टोल प्लाजा में की जा रही है। जानकारी के अनुसार, टोल प्लाजा को मैनेज करने के लिए कागजों में जो मैनपावर दिखाई जाती है, असल में ग्राउंड पर उसका 20 से 30 फीसदी ही मैनपावर लगाई जा रही है।

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TOLL TAX

यूपी एसटीएफ ने दिए जांच के आदेश

मामले में NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की गई। उन्होंने बताया कि यूपी एसटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई में टोल प्लाजा में जो NHAI जैसा सॉफ्टवेयर लगाकर उनसे बिना फास्टैग गाड़ी वालों से डबल टोल टैक्स लेने के लिए नकली पर्ची दी जा रही थी। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले में शनिवार को एक मीटिंग भी की जा रही है। इस बैठक में इस तरह की तमाम गड़बड़ियों को रोकने और टोल का ठेका लेने वाली आरोपी कंपनियों के उपर भारी पेनल्टी लगाने समेत उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। रही बात टोल प्लाजा पर कागजों में लिखी मैनपावर से काफी कम मैनपावर लगाने की, तो इसकी भी जांच की जाएगी।

टोल प्लाजा को चलाने के लिए मैनपावर की जरूरत

सूत्रों ने बताया कि असल में हर छोटे-बड़े टोल प्लाजा को चलाने के लिए काफी मैनपावर की जरूरत पड़ती है। छोटे से टोल को चलाने के लिए भी तीन शिफ्ट में करीब 100 लोग चाहिए होते हैं। इसके लिए एक्स सर्विसमैन समेत अन्य कैटिगरी में लोग तैनात करने पड़ते हैं। ये लोग बूथ मैनेजमेंट से लेकर क्यू (Que) मैनेजमेंट, गार्डनिंग और ऑफिस वर्क समेत अन्य कार्यों के लिए तैनात किए जाते हैं।
लेकिन देश में कुछ टोल प्लाजा चलाने वाली कंपनियां ऐसा नहीं कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक, कंपनियां टोल का ठेका लेते समय टोल को मैनेज करने के लिए नियमानुसार मैनपावर दिखाते हुए टोल का ठेका तो ले लेती हैं। लेकिन जब उन्हें ठेका मिल जाता है तो वहां कागजों में दिखाई मैनपावर का 20 से 30 फीसदी ही लगाते हैं। बाकी की सैलरी वह अपने खर्चों में दिखाते हैं, लेकिन उन्हें लगाते नहीं। इससे कई बार टोल प्लाजाओं तमाम गेट एक्टिव ना होने से गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग जाती हैं। इसके अलावा और भी कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं।

गंभीरता से सर्विलांस करने की जरूरत

NHAI देश में नित-नए हाइवे बनाकर उनके टोल प्लाजा को प्राइवेट कंपनियों को दे देती है। लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि इन टोल नाकों पर जिस स्तर की निगरानी होनी चाहिए। वह NHAI कर नहीं पाता। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को इस मामले में एक विशेष फ्लाइंग स्क्वायड बनाना चाहिए। जो बिना किसी को बताए टोल नाको का औचक निरीक्षण करे। जिसमें अगर NHAI के भी किसी अधिकारी की मिलीभगत सामने आती है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाना चाहिए। इसी तरह से देश के यह टोल प्लाजा सही हो सकते हैं, वरना कभी कैश टोल लेने में NHAI की नकली पर्ची और जरूरत से काफी कम मैनपावर लगाकर लोगों और सरकार को भी चूना लगाया जाता रहेगा।

Author Meenu Rajput

नमस्कार मेरा नाम मीनू राजपूत है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर बतौर कंटेंट राइटर काम करती हूँ. मैंने बीकॉम, ऍम कॉम तक़ पढ़ाई की है. मैं प्रतिदिन हरियाणा की सभी ब्रेकिंग न्यूज पाठकों तक पहुंचाती हूँ. मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि मैं अपना काम अच्छी तरह से करू और आप लोगों तक सबसे पहले न्यूज़ पंहुचा सकूँ. जिससे आप लोगों को समय पर और सबसे पहले जानकारी मिल जाए. मेरा उद्देशय आप सभी तक Haryana News सबसे पहले पहुँचाना है.

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